इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने शनिवार को देशद्रोह मामले में पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के मुकदमे को स्थगित कर दिया। न्यायाधीश ने फवाद चौधरी की छूट याचिका स्वीकार कर ली और उन्हें मुकदमे के लिए 4 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
कोर्ट में पेश नहीं हुए फवाद चौधरी
अदालत का यह फैसला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के पूर्व सहयोगी फवाद चौधरी के कार्यवाही में शामिल नहीं होने के बाद आया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ताहिर अब्बास सिप्रा ने शनिवार को सुनवाई फिर से शुरू की।
वकील ने बताया बीमार है फवाद
सुनवाई के दौरान फवाद चौधरी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल बीमारी के कारण अदालत में पेश नहीं हो सके और उन्होंने आज की सुनवाई से छूट मांगी। फवाद चौधरी के वकीलों की बात सुनने के बाद जज ने पूछा कि क्या पूर्व मंत्री लू की चपेट में आए हैं।
देशद्रोह का मामला दर्ज
इससे पहले जनवरी में, इस्लामाबाद पुलिस ने पाकिस्तान चुनाव आयोग के सदस्यों को धमकी देने के आरोप में फवाद चौधरी को उनके घर से गिरफ्तार किया था। फवाद चौधरी के खिलाफ इस्लामाबाद के कोहसर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
कई धाराओं के तहत केस दर्ज
यह मामला पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के सचिव उमर हामिद खान की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। पूर्व मंत्री फवाद चौधरी पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 153-ए, 506, 505 और 124-ए (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले मई में, फवाद चौधरी ने कहा था कि पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता है।
चौधरी ने हाल ही में पीटीआई से अलग हुए इमरान इस्माइल और महमूद मौलवी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी ने 9 मई की घटनाओं की निंदा की है और जिम्मेदार लोगों को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए।
राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के लिए पीडीएम को ठहराया जिम्मेदार
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के लिए पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली (पीडीएम) सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान की 250 मिलियन आबादी को आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है।
चौधरी ने कहा, “पाकिस्तान की स्थिति को देखते हुए, यह किसी भी कीमत पर संभव नहीं होगा कि विपक्ष की स्थिति खाली छोड़ दी जाए और पीडीएम को खेलने के लिए खुला मैदान दिया जाए।”