भारत और मलेशिया के बीच पहली सुरक्षा वार्ता नई दिल्ली में आयोजित हुई, जिसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और मलेशिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महानिदेशक राजा दातो नुशीरवान बिन जैनल आबिदीन ने सह-अध्यक्षता की। यह वार्ता भारत और मलेशिया के बीच बढ़ते सामरिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
वार्ता के मुख्य बिंदु:
- वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा:
- दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर अपने विचार साझा किए और उभरते खतरों पर चर्चा की।
- आतंकवाद और कट्टरपंथ:
- आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
- कट्टरपंथ के फैलाव को रोकने के उपायों और सूचना साझाकरण पर भी चर्चा हुई।
- साइबर सुरक्षा:
- साइबर खतरों से निपटने और डिजिटल ढांचे को सुरक्षित बनाने के लिए दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
- समुद्री सुरक्षा:
- हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों पक्षों ने अपने दृष्टिकोण साझा किए।
- समुद्री सीमा की निगरानी, समुद्री डकैती से निपटने और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- रक्षा उद्योग और खनिज सहयोग:
- रक्षा उद्योगों में साझेदारी बढ़ाने और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज में सहयोग करने पर सहमति बनी।
- वार्षिक बैठकें:
- वार्ता को निरंतर और प्रभावी बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने वार्षिक सुरक्षा वार्ता आयोजित करने का निर्णय लिया।
भारत-मलेशिया संबंधों की प्रगति:
- इस वार्ता की नींव अगस्त 2024 में मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर इब्राहिम की भारत यात्रा के दौरान रखी गई थी।
- इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनवर इब्राहिम ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की थी।
यह वार्ता भारत और मलेशिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती चुनौतियों के मद्देनजर यह सहयोग भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और मलेशिया के साथ सामरिक संबंधों को और मजबूत करेगा।