भारत की आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक वैश्विक कूटनीतिक पहल को दर्शाती है। यह पहल ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की राजनयिक आक्रामकता (Diplomatic Offensive) का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के विरुद्ध 33 वैश्विक राजधानियों में बहुदलीय संसदीय डेलिगेशन भेजे जा रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की वैश्विक कूटनीतिक मुहिम
उद्देश्य:
- आत्मरक्षा के अधिकार पर ज़ोर देना
- पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करना
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना
- भारत के कड़े और स्पष्ट रुख को वैश्विक मंचों तक पहुंचाना
भारत की वैश्विक आउटरीच: 33 देशों में 7 डेलिगेशन
- अभियान का नाम: “ऑपरेशन सिंदूर पोस्ट आउटरीच”
- लक्ष्य: पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरूकता और सहयोग बनाना
दहशतवादाला थारा देणार नसल्याच्या भारताच्या भूमिकेचा प्रसार आंतरराष्ट्रीय पातळीवर करण्यासाठी माझ्या नेतृत्वातील सर्व पक्षीय शिष्टमंडळाने अबुधाबीत युएईच्या संरक्षण, परराष्ट्र आणि अंतर्गत विषयांवरील समितीचे अध्यक्ष अली रशीद अल नुवामी यांच्यासह त्यांच्या फेडरल नॅशनल काऊन्सिलच्या… pic.twitter.com/omDkptUzWc
— Dr Shrikant Lata Eknath Shinde (@DrSEShinde) May 22, 2025
यूएई पहुंचे डेलिगेशन (अबू धाबी)
नेतृत्व: श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद)
मुख्य बैठक:
- यूएई संघीय राष्ट्रीय परिषद के सदस्य अहमद मीर खोरी से मुलाकात
- भारत का संदेश: “कोई भी देश धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या का समर्थन नहीं कर सकता”
- भारत के आत्मरक्षा अधिकार और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर
डेलिगेशन के सदस्य:
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)
- मनन कुमार मिश्रा (BJP)
- सस्मित पात्रा (BJD)
- ई.टी. मोहम्मद बशीर (IUML)
- एस.एस. अहलूवालिया (BJP)
- अतुल गर्ग (BJP)
- बांसुरी स्वराज (BJP)
- सुजान आर चिनॉय (पूर्व राजनयिक)
- संजय सुधीर (भारत के राजदूत, UAE)
यूएई सरकार का संदेश:
“आतंकवाद किसी धर्म का प्रतिनिधि नहीं हो सकता। हम निर्दोषों की हत्या के विरुद्ध भारत के साथ हैं।”
जापान पहुंचे डेलिगेशन (टोक्यो)
नेतृत्व: संजय झा (जेडीयू सांसद)
स्वागत: भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज द्वारा
डेलिगेशन के सदस्य:
- अपराजिता सारंगी (BJP)
- बृजलाल (BJP)
- प्रधान बरुआ
- हेमंग जोशी
- सलमान खुर्शीद (कांग्रेस)
- अभिषेक बनर्जी (TMC)
- जॉन ब्रिटास (CPI-M)
- मोहन कुमार (पूर्व राजदूत)
जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया का बयान:
“आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जापान भारत के साथ है।”
भारत का संदेश विश्व को:
- पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद सीमा पार हिंसा है – इसे सिर्फ भारत की समस्या नहीं माना जाना चाहिए।
- ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई गई भारत की सैन्य-सामरिक क्षमता आत्मरक्षा का उदाहरण है, न कि आक्रामकता।
- धर्म के नाम पर आतंकी हमलों को किसी भी वैश्विक मंच पर समर्थन नहीं मिलना चाहिए।
- भारत कूटनीति, कानून और सैन्य जवाब – तीनों मोर्चों पर आतंक के खिलाफ लड़ रहा है।
यह वैश्विक मुहिम बताती है कि भारत अब आतंकवाद के मुद्दे पर रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक कूटनीति अपना रहा है। 33 देशों में 7 संसदीय डेलिगेशन भेजना इस बात का संकेत है कि भारत अब दुनिया से स्पष्ट रूप से कह रहा है:
“या तो आप हमारे साथ हैं आतंक के खिलाफ, या आप मौन से उसका समर्थन कर रहे हैं।”