लोकसभा में गुरुवार (27 मार्च 2025) को इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट (Immigration and Foreigners Act) 2025 पास हो गया है। यह नया कानून भारत में विदेशियों के आने, रुकने और जाने को कंट्रोल करने के लिए बनाया गया है। इस बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में साफ-साफ कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या व्यापार के लिए यहाँ आते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। यानी जो लोग गैरकानूनी तरीके से भारत में घुसने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
यह नया कानून पुराने इमिग्रेशन से जुड़े कई कानूनों को खत्म करता है, जैसे कि पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, 1939 का विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1946 का विदेशियों का अधिनियम और साल 2000 का इमिग्रेशन कानून। इस नए बिल का मकसद है कि इमिग्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जाए और अवैध तरीके से भारत में घुसने वालों को रोका जाए। आइए, इस बिल की सारी अहम बातों को एक-एक करके समझते हैं, ताकि आपको पता चल सके कि यह कानून क्या कहता है और इसका असर क्या होगा।
क्या है इस बिल का मकसद?
सबसे पहले बात करते हैं कि यह बिल क्यों लाया गया? दरअसल, भारत में हर साल लाखों लोग बाहर से आते हैं। कुछ लोग टूरिस्ट बनकर, कुछ पढ़ाई के लिए, कुछ बिजनेस के लिए और कुछ शरण लेने के लिए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग गलत तरीके से भारत में घुस आते हैं या अपने वीजा की समय सीमा से ज्यादा वक्त तक रुक जाते हैं। ऐसे लोगों की वजह से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
इस नए कानून का मकसद है –
- भारत में आने-जाने की प्रक्रिया को आसान और साफ-सुथरा बनाया जाए।
- अवैध तरीके से घुसने वालों को रोका जाए।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जाए।
- जो लोग सही मकसद से भारत आते हैं, जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट्स या बिजनेसमैन, उनके लिए रास्ता आसान हो।
- शरणार्थियों को भी सही तरीके से मदद मिले, जो अपने देश में मुसीबत की वजह से भारत आते हैं।
यह कानून केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद लागू होगा। यानी जब सरकार इसकी आधिकारिक घोषणा कर देगी, तभी से यह लागू हो जाएगा।
विदेशियों को छह श्रेणियों में बाँटा गया
इस बिल की एक खास बात यह है कि इसमें विदेशियों को छह अलग-अलग श्रेणियों में बाँटा गया है। इससे यह साफ हो जाता है कि किस तरह के विदेशी को क्या अधिकार मिलेंगे और उनकी क्या जिम्मेदारियाँ होंगी। इन श्रेणियों में शामिल हैं-
- टूरिस्ट (पर्यटक): जो लोग घूमने-फिरने के लिए भारत आते हैं।
- स्टूडेंट्स (छात्र): जो पढ़ाई के लिए भारत आते हैं।
- बिजनेस वीजा होल्डर (व्यापारी): जो बिजनेस या व्यापार के लिए आते हैं।
- शरणार्थी: जो अपने देश में उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण लेने आते हैं।
- अवैध अप्रवासी: जो बिना सही दस्तावेजों के भारत में घुसते हैं।
- अन्य: इसमें वो लोग आते हैं जो किसी और वजह से भारत में हैं, जैसे मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए।
इस तरह से श्रेणियाँ बनाकर सरकार ने यह साफ कर दिया है कि हर तरह के विदेशी के लिए अलग नियम होंगे।
कानून में सख्त सजा का प्रावधान
इस बिल में सबसे ज्यादा जोर सख्ती पर दिया गया है। अगर कोई विदेशी गलत तरीके से भारत में घुसता है, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करता है या अपने वीजा के नियम तोड़ता है, तो उसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है। इसके लिए अलग-अलग तरह की सजा भी होगी, जिसमें…
अवैध प्रवेश: अगर कोई बिना सही दस्तावेजों के भारत में घुसता है, उसे अवैध अप्रवासी माना जाएगा। ऐसे लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है, निर्वासित (देश से बाहर निकाला) किया जा सकता है या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
वीजा की समय सीमा से ज्यादा रुकना: अगर कोई अपने वीजा की अवधि से ज्यादा वक्त तक भारत में रुकता है, तो उसे भी सजा मिलेगी। मामूली उल्लंघन में 5 साल तक भारत में दोबारा आने पर रोक लग सकती है। साथ ही चेतावनी या जुर्माना भी हो सकता है।
बार-बार गलती करने वालों पर सख्ती: अगर कोई बार-बार नियम तोड़ता है, तो उस पर और सख्त कार्रवाई होगी। लंबे समय तक भारत में आने पर रोक लग सकती है।
अवैध रूप से दोबारा घुसने की कोशिश: अगर कोई निर्वासित व्यक्ति दोबारा अवैध तरीके से भारत में घुसने की कोशिश करता है, तो उसे 10 साल की जेल और आजीवन भारत में आने पर रोक लग सकती है।
बड़े अपराध: अगर कोई धोखाधड़ी, गंभीर अपराध या आतंकवाद जैसी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उसे तुरंत निर्वासित किया जाएगा, जेल होगी और हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।
वीजा प्रक्रिया को बनाया गया आसान
जो लोग सही मकसद से भारत आते हैं, जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट्स या बिजनेसमैन, उनके लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। नए कानून के तहत वीजा लेने की प्रक्रिया को सरल किया गया है, ताकि लोगों को ज्यादा परेशानी न हो। ई-वीजा की 9 श्रेणियाँ बनाई गई हैं, इनमें ई-पर्यटन वीजा, ई-व्यापार वीजा, ई-चिकित्सा वीजा, चिकित्सा परिचारक वीजा, ई-आयुष वीजा, ई-प्रचारक वीजा, ई-छात्र वीजा और ई-छात्र आश्रित वीजा शामिल हैं। भारत में रुकने और जाने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाया गया है।
इसके साथ ही कुछ सख्त नियम भी जोड़े गए हैं। जिसमें…
1- टूरिस्ट और स्टूडेंट्स को किसी भी तरह की नौकरी या बिजनेस करने की इजाजत नहीं होगी।
2- बिजनेस वीजा वालों को भारत में सैलरी वाली नौकरी करने की अनुमति नहीं होगी।
3- अगर कोई वीजा होल्डर किसी अपराध या धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है, तो उसका वीजा रद्द कर दिया जाएगा।
4- अगर वीजा जाली दस्तावेजों से लिया गया है, या कोई व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, तो भी वीजा रद्द होगा।
शरणार्थियों के लिए खास प्रावधान
इस बिल में शरणार्थियों को भी ध्यान में रखा गया है। जो लोग अपने देश में उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण लेने आते हैं, उनके लिए बेहतर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। यह प्रावधान अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से बनाए गए हैं, ताकि भारत अपनी मानवीय जिम्मेदारियों को निभा सके। ऐसे लोगों को कानूनी मान्यता और सहायता दी जाएगी, ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
FRRO को सूचना देना जरूरी
इस बिल में एक और अहम नियम है। अगर कोई विदेशी भारत में है और उसकी दी गई जानकारी में कोई बदलाव होता है, जैसे – पता बदलना, नौकरी बदलनी या यूनिवर्सिटी बदलनी, तो उसे तुरंत फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) को सूचित करना होगा। अगर कोई इस नियम को नहीं मानता, तो उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है या उसे देश से निकाल दिया जा सकता है।
किन लोगों को माना जाएगा अवैध अप्रवासी?
इस बिल में साफ तौर पर बताया गया है कि अवैध अप्रवासी कौन होगा। अगर कोई व्यक्ति बिना सही दस्तावेजों के भारत में घुसता है, या अपने वीजा की समय सीमा से ज्यादा वक्त तक रुकता है, तो उसे अवैध अप्रवासी माना जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे ऐसे लोगों को हिरासत में लें, निर्वासित करें या ब्लैक लिस्ट में डाल दें।
क्या कहते हैं आँकड़े?
इस बिल में कुछ आँकड़े भी दिए गए हैं, जो बताते हैं कि भारत में अवैध अप्रवास का मसला कितना बड़ा है। 20 मार्च 2025 तक के आँकड़ों के मुताबिक, भारत में करीब 14 लाख लोग बिना सही दस्तावेजों के रह रहे हैं। इनमें से 5% लोग बांग्लादेश से हैं, 5% श्रीलंका से, 5% म्यांमार से और 5% अफगानिस्तान से हैं। बाकी 80% लोग नेपाल, भूटान, मालदीव और अफ्रीकी देशों से हैं।
इन लोगों में से 5% टूरिस्ट हैं, 5% स्टूडेंट्स, 5% बिजनेस वीजा होल्डर, 5% शरणार्थी, और 5% अवैध अप्रवासी हैं। बाकी 70% अन्य श्रेणियों में आते हैं। इनमें से 5% लोग बिना सही दस्तावेजों के भारत में घुसे हैं, 5% ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, और 5% ने अपने वीजा की समय सीमा से ज्यादा वक्त तक रुकने की कोशिश की है। बाकी 85% ने अन्य नियम तोड़े हैं। इन लोगों में से 5% को चेतावनी दी गई है, 5% पर जुर्माना लगाया गया है, 5% को निर्वासित किया गया है, और 5% को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। बाकी 80% पर अन्य कार्रवाई की गई है।
इन आँकड़ों से साफ है कि अवैध अप्रवास एक बड़ा मसला है और इस नए कानून के जरिए सरकार इसे रोकने की कोशिश कर रही है।
क्या होगा इसका असर?
इस नए कानून का असर कई तरह से देखने को मिलेगा। इस बिल से-
- अवैध अप्रवास पर लगाम लगेगी। जो लोग गलत तरीके से भारत में घुसने की कोशिश करेंगे, उनके लिए सजा सख्त होगी, जिससे ऐसे मामले कम हो सकते हैं।
- जो लोग सही मकसद से भारत आते हैं, उनके लिए प्रक्रिया आसान होगी।
- शरणार्थियों को कानूनी मदद मिलेगी, जिससे उनकी जिंदगी बेहतर हो सकती है।
इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट 2025 एक ऐसा कानून है, जो भारत में इमिग्रेशन की प्रक्रिया को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाने की कोशिश करता है। इसके खंड और उपखंड साफ तौर पर बताते हैं कि विदेशियों को क्या करना होगा और क्या नहीं। यह कानून अवैध अप्रवास को रोकने, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और सही मकसद से आने वालों को आसानी देने के लिए बनाया गया है। इसमें शरणार्थियों के हक की भी रक्षा की गई है।