इस महीने 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) में भारतीय कॉन्सुलेट पर हुए हमले की जांच में भारतीय एजेंसियां भी जुट गई है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि सैन फ्रांसिस्को और इससे पहले दुनिया के कई देशों में एक साथ हो रहे इस तरह के हमले महज संयोग नहीं है बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. पिछले कुछ महीनों में कनाडा , UK और हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट पर हुआ हमला खास रणनीति का हिस्सा है.
खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को के कॉन्सुलेट पर हमले के बाद मिशन में तैनात भारतीय डिप्लोमेट के नाम और उनकी तस्वीर को भी खालिस्तान समर्थित गुटों के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है जिससे उनकी सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हो गया है.
सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारतीय कॉन्सुलेट में आगजनी की घटनाओं को देखते हुए अब इसकी जांच देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी NIA से कराए जाने का फैसला किया गया है और जल्द ही इस मामले की जांच के लिए NIA की टीम सैन फ्रांसिस्को जा सकती है.
भारतीय एजेंसियां हमले से जुड़ी CCTV फुटेज की बारीकी से अध्यन कर रही हैं और हमले में शामिल सभी लोगों की प्रोफाइलिंग की जा रही है जिससे उनकी पहचान कर उनके खिलाफ करवाई की जा सके. शुरुआती जांच में ये पता चला है कि हमले में 8 लोग शामिल थे इनमें से कुछ आरोपी इससे पहले भी सैन फ्रांसिस्को के भारतीय कॉन्सुलेट पर हुए हमले में शामिल रह चुके हैं.
भारत के खिलाफ खालिस्तानी साजिश को अंजाम देने के लिए अब कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन की तरह पुर्तगाल में खालिस्तान आतंकियों ने अपना आपरेशनल बेस बना लिया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब में सक्रिय अपराधियों को पिछले कुछ महीनों में पुर्तगाल से हथियारों की खेप मिली है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की ISI पुर्तगाल में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों को हथियार और पैसे मुहैया करा रही है और वहां से इन हथियारों को पंजाब समेत देश के दूसरे राज्यों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है