570 फीट लम्बी-चौड़ी चट्टान 28 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है. इसके धरती की सतह से भी टकराने की संभावना है. इस बात की संभावना अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने जताई है. दरअसल, ये एक एस्टरॉयड है, जिनकी सौरमंडल में संख्या करीब 13 लाख है. सौरमंडल में ग्रह, चंद्रमा, एस्टरॉयड और धूमकेतु सूर्य के ईर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं.
गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ये सूर्य से बंधे हुए हैं. हालांकि, कई बार इसमें से कुछ एस्टरॉयड टूटकर पृथ्वी के कक्ष में प्रवेश कर जाते हैं और तब उनके पृथ्वी से टकराने की संभावना होती है. नासा लगातार इन एस्टरॉयड्स पर नजर रखती है. हाल के महीनों में एस्टरॉयड के के लगातार धरती की ओर आने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने चेतावनी जारी की है कि एक भारी-भरकम चट्टान यानी एस्टरॉयड तेजी से पृथ्वी की तरफ आ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस एस्टरॉयड लंबाई और चौड़ाई लगभग 600 फीट है. नासा के मुताबिक इसका नाम एस्टरॉयड 2023 HO6 (asteroid 2023 HO6) है. यह अपोलो ग्रुप का एस्टरॉयड है.
इस एस्टरॉयड की रफ्तार 27,976 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई जा रही है. आसान शब्दों में कहें तो आधे किलोमीटर लंबे और चौड़े चट्टान का टुकड़ा 28 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है. अब सवाल उठता है कि क्या ये पृथ्वी से टकरा सकता है और क्या इसके टकरना से तबाही आ सकती है?
नासा के मुताबिक अगर एस्टरॉयड का आकार 150 फीट से बड़ा हो तो उसे पृथ्वी के लिए खतरा माना जाता है. वो पृथ्वी से टकराकर तबाही ला सकता है. हालांकि, ऐसी कोई सूचना नहीं है जिसके तहत ये कहा जा सके कि इसका पृथ्वी से टकराना तय है. नासा के मुताबिक, अगर टूटकर गिरने वाले एस्टरॉयड की दूरी पृथ्वी से 75 लाख किलोमीटर हो तो वो धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
जबकि वर्तमान में तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा एस्टरॉयड 20 लाख किलोमीटर तक करीब आ चुका है. इसके बावजूद, इसकी बहुत कम संभावना होती है कि एस्टरॉयड अगर गिरे तो पृथ्वी से टकरा ही जाए.