पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की कैसी दयनीय स्थिति है। इसे लेकर अनेक रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं। हर साल के आंकड़े चीख—चीखकर यही बताते हैं कि वहां हिन्दू और ईसाई मजहबी उन्मादियों के हाथों यातनाएं सह रहे हैं। विशेष रूप से अल्पसंख्यक वर्गों की युवतियों, महिलाओं की हालत तो और खराब है। इन सब तथ्यों के सामने आने के बाद भी, इस्लामवादी सरकार की कथित शह पर उन्मादी अपने कृत्यों को जारी रखे हुए हैं। ऐसा ही कुछ इस संबंध में आई एक ताजा रिपोर्ट बताती है।
पड़ोसी इस्लामी देश में हिंदू तथा ईसाई महिलाओं पर बेलगाम जुल्म ढाए जा रहे हैं। उनका बलात्कार किया जाता है, जबरन कन्वर्ट करके किसी बूढ़े मजहबी से शादी करा दी जाती है।
उस इस्लामी देश में अल्पसंख्यकों की बदहाली के आंकड़े दर्शाती ये रिपोर्ट हाल ही में गेटस्टोन इंस्टीट्यूट ने प्रकाशित की है। रिपोर्ट से कई हैरान करने वाली चीजें सामने आई हैं। रिपोर्ट खासतौर पर हिन्दू और ईसाई महिलाओं की दयनीय स्थिति का खुलासा करती है। गेटस्टोन की रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के एक संगठन पीडीआई का हवाला दिया गया है। इस संगठन ने बताया है कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों को लगभग रोजाना अगवा किया जाता है। पुलिसथानों में ऐसे हजारों मामले दर्ज होने के बाद भी यह अपराध पूरी बेशर्मी से जारी है। हिन्दुओं की बच्चियां बहुत खतरे में हैं। पाकिस्तान की पुलिस कुछ मामलों में अपराधियों के विरुद्ध केस तो दर्ज करती है लेकिन उस आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इस देश के न्यायालयों में भी कमोबेश हिन्दुओं के प्रति पूर्वाग्रही रवैया अपनाया जाता है।
यहां बता दें कि पीडीआई यानी ‘पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद’ उस इस्लामी देश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के हकों के लिए लड़ने वाला संगठन है। यह कोशिश करता है कि दमन का शिकार हो रहे पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के दर्द को आवाज दी जाए। बहरे शासन को उनकी आह सुनाई जाए। रिपोर्ट में उल्लेख है कि अभी पिछले महीने की 2 तारीख को ही 14 साल की हिंदू लड़की सोहाना शर्मा कुमारी को अगवा किया गया था। बाद में पता चला, उसका निकाह जबरन एक मुस्लिम से कर दिया गया।
घटना के बारे में बताते हुए उस बच्ची के पिता आंसुओं को रोक नहीं पाते। वे बताते हैं कि तीन लोग आए और जबरन उनके घर में घुसने लगे। विरोध किया पर कोई फायदा नहीं हुआ। उन तीनों ने बंदूक की नोंक पर मां के सामने उनकी बेटी को अगवा कर लिया। उस बच्ची के पिता ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज तो की है, मगर जैसा होता आया है, उन्हें वहां से कोई न्याय मिलने की रत्तीभर उम्मीद नहीं है। वहां की अदालत ने सब जानते—समझते भी लड़की को जबरन इस्लाम में कन्वर्ट करके उसका निकाह करा दिया।
उस इस्लामी देश में हिन्दुओं और ईसाइयों की 12 से 16 वर्ष की लड़कियों को आएदिन अगवा किया जा रहा है। फिर उन्हें कन्वर्ट करके अधेड़ या बुजुर्ग मजहबी लोगों से ब्याह दिया जाता है। ये मुस्लिम बुजुर्ग अदालतों में दाखिल किए कागजों में ‘कुंवारे’ बताए जाते हैं।