पीलीभीत के पूरनपुर में मारे गए 3 खालिस्तानी आतंकियों का पाकिस्तान लिंक सामने आया है। इन तीनों के आतंकी समूह खालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स (KZF) का सरगना पाकिस्तान से ही ऑपरेट कर रहा है। यह तीनों आतंकी पंजाब में एक चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद भाग कर उत्तर प्रदेश आए थे। ऐसे हमले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ₹2000-₹3000 देकर करवा रहा है। इन नशेड़ी आतंकियों की तरह बाकी युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ISI और पाकिस्तान पंजाब में हथियार भी लगातार भेज रही है।
पंजाब के गुरदासपुर में चौकी पर हुआ आतंकी हमला उस प्लानिंग की एक कड़ी है जो कनाडा और अमेरिका में हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कनाडा में अमेरिका में भारत में पुलिस को निशाना बनाने और हथियार सप्लाई के साथ आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए तीन बैठकें आयोजित की गईं थी। यह तीनों बैठकें 2023 में हुई हैं। इस बैठक के बाद से चौकियों और थानों पर हमलों में तेजी आई है। बीते दो वर्ष में पंजाब में लगभग 20 ऐसी घटनाएँ हुई हैं।
पीलीभीत के एसपी ने बताया है कि KZF ने इन लड़कों से मात्र ₹2000-3000 में यह काम करवाया है। उन्होंने कहा कि यह आतंकी संगठन पाकिस्तान से ही ऑपरेट हो रहा है और इसका मुखिया रंजीत नीता भी पाकिस्तान में अपनी गतिविधि बढ़ाए हुए है। ISI हथियार भेजने के अलावा पाकिस्तान के भीतर अलग-अलग जगह पर सिख युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग भी दे रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस काम के लिए पाकिस्तान में कई ट्रेनिंग पैड बनाए गए हैं। ISI इसके साथ ही खालिस्तान की मदद पैसा जुटाने में कर रहा है।
यह पैसा इकट्ठा करने के लिए वसूली, फिरौती और ड्रग जैसे काम किए जाते हैं। ISI और पाकिस्तान की बाकी एजेंसी पंजाब में ड्रग्स गिराने और हथियार गिराने में भी जुटी हुई है। बीते 2 साल में 200 बार से अधिक ड्रोन पंजाब की सीमा पर मंडरा चुके हैं। कई बार इन्हें BSF मार गिराती है तो कई बार यह बच जाते हैं। इनमें ड्रग्स के साथ ही हथियार की भी खेप होती है। पीलीभीत में मारे गए आतंकियों के पास से जो हथियार मिले हैं, वह विदेशी हैं। इनके भी इसी रूट से आने की आशंका है।
ISI ने भारत के 7 राज्यों और 30 शहरों तक यह नेटवर्क फैलाया है। इसमें पंजाब के अलावा हरियाणा और यूपी-उत्तराखंड के सिख आबादी वाले जिले शामिल हैं। जो भी काम सीमापार तस्करी से नहीं हो पाता, उसके लिए यहाँ पैसा भेज दिया जाता है। इस काम के हवाला रूट इस्तेमाल किया जाता है। इस काम में ISI के साथ ही वाधवा सिंह और नीता जैसे आतंकी शामिल हैं। कई खालिस्तानी पाकिस्तान में मारे भी जा चुके हैं। पंजाब पुलिस, यूपी पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियाँ इस को लेकर चौकन्नी हैं।
इस बीच पीलीभीत मामले में स्थानीय स्तर पर पुलिस जाँच के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। पुलिस ने हाल ही में उस युवक सनी को पकड़ा था, जिसने पूरनपुर में कमरा दिलाने में आतंकियों की मदद की थी। पुलिस इनके अलावा भी कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। यह भी सामने आया है कि मारे गए तीनों आतंकी नशेड़ी थे और उन्होंने पूरनपुर में एक मेडिकल से नशे के कैप्सूल खरीदे थे। पुलिस मेडिकल पर भी पूछताछ के लिए पहुँची थी।
गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2024 को खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था। ये आतंकी कुछ समय पहले पंजाब के गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने में शामिल थे। इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया था। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई थी।