थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगभग 800 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसका निर्धारण फ्रांसीसी उपनिवेश काल में हुआ था। इस सीमा पर विवाद लंबे समय से जारी है, खासकर उस इलाके को लेकर जहाँ प्राचीन 11वीं सदी का प्रीह विहियर मंदिर स्थित है। यह मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है और सांस्कृतिक व ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के कारण यह विवाद संवेदनशील और जटिल है।
हालिया घटना (मई 2025)
- 28 मई 2025 को कंबोडियाई और थाई सैनिकों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई।
- दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला शुरू करने का आरोप लगाया।
- थाई रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सेना ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की।
- कंबोडिया ने कहा कि वे उकसाने वाले हमले में शामिल नहीं थे और बातचीत के जरिए समस्या सुलझाना चाहते हैं।
- लगभग 10 मिनट चली इस झड़प के बाद स्थानीय कमांडरों ने बातचीत कर सीजफायर लागू किया।
- आगे चलकर दोनों देश एक संयुक्त सीमा समिति बनाएंगे ताकि सीमा विवाद को सुलझाया जा सके।
ऐतिहासिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि
- प्रीह विहियर मंदिर 11वीं-12वीं सदी का है, ख्मेर साम्राज्य द्वारा बनाया गया था, जिसका प्रभाव आज के कंबोडिया और थाईलैंड दोनों पर है।
- मंदिर का विवाद तब शुरू हुआ जब 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना।
- हालांकि मंदिर का आसपास का क्षेत्र दोनों देशों के लिए विवादित रहा है, जिसके कारण कई बार सशस्त्र संघर्ष भी हुए हैं।
- 2008 में यूनेस्को ने मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया।
- 2011 में यहाँ सशस्त्र झड़प हुई जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और हजारों लोग विस्थापित हुए।
- 2013 में ICJ ने थाईलैंड को मंदिर क्षेत्र से अपनी सेना हटाने का आदेश दिया।
मंदिर और क्षेत्र की सांस्कृतिक महत्ता
- प्रीह विहियर मंदिर मुख्य रूप से लेटराइट और बलुआ पत्थर से बना है।
- मंदिर में शिवलिंग है, जो इसे हिंदू धर्म के लिए तीर्थस्थल बनाता है।
- मंदिर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में है, जो ख्मेर मंदिरों में असामान्य है।
- मंदिर और आसपास के क्षेत्र में दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध गहरे हैं।
वर्तमान स्थिति और समाधान की दिशा
- दोनों देशों ने हाल ही में सैनिकों की संख्या सीमित करने और विवाद को बातचीत से हल करने का प्रयास शुरू किया है।
- विवादित क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने रहना जारी है, लेकिन दोनों पक्ष संघर्ष से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
- आगे एक संयुक्त सीमा समिति गठित की जाएगी जो स्थायी समाधान पर काम करेगी।