इस समय दिल्ली में यमुना नदी के किनारे बसे मुहल्लों में दो से पांच फुट तक पानी भरा हुआ है। लाखों लोग घर—बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। बाढ़ ने इनका सब कुछ खत्म कर दिया है। न घर बचा है, न वस्त्र, न खाना बचा है और न ही पानी। उमस भरी गर्मी ने तो इनका जीवन बहुत ही कठिन बना दिया है। ऐसे हालत में इनकी मदद के लिए कई गैर—सरकारी संगठन आए हैं। इनमें एक है दिल्ली सेवा भारती। सेवा भारती के कार्यकर्ताओं ने सिग्नेचर ब्रिज, जैतपुर, मयूर विहार यमुना खादर जैसे स्थानों पर बाढ़ पीड़ितों के लिए शिविर लगाए हैं। इन शिविरों में पीड़ितों को भोजन, पानी, दवाई और जीवनोपयोगी अन्य सामग्री नि:शुल्क बांटी जा रही है। सिग्नेचर ब्रिज के पास बने शिविर में पाकिस्तान से आए हिंदू रह रहे हैं। बता दें कि इन हिंदुओं को सेवा भारती और कुछ अन्य संगठनों ने सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना नदी के किनारे बसाया था। इन लोगों के रोजगार की भी व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाढ़ ने सब समाप्त कर दिसा है। अब एक बार फिर से ये बेचारे पाकिस्तानी हिंदू बेघर हो गए हैं। फिलहाल इनके लिए रोड के किनारे तंबू की व्यवस्था की गई है। सेवा भारती ने इन्हें फिर से बसाने के लिए लोगों से सहयोग करने की अपील भी की है।
सेवा भारती ने अपील जारी करते हुए लिखा है— ” आओ चलें – अपनों की ओर ”
पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए, दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज के नीचे रह रहे क़रीब 100 परिवारों की झुग्गियाँ इस बाढ़ में बह चुकी हैं। उन्हें पुनः बनाने व पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की योजना सेवा भारती ने बनाई है।