हरिद्वार जिले में धार्मिक स्थल क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में स्लॉटर हाउस खोलने की अनुमति संबंधी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अपने पूर्व के निर्णय को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश राकेश थपलियाल की बेंच ने मंगलोर निवासी इफ्तेखार की याचिका पर सुनवाई की, याचिकाकर्ता द्वारा ये कहा गया था कि केवल धार्मिक स्थल अथवा शहर में ही स्लॉटर हाउस में प्रतिबंध लगाया जाए न कि पूरे जिले में, पूर्व में दिया गया आदेश और उत्तराखंड सरकार का मार्च 2021 का शासनादेश अल्पसंख्यक कारोबारियों के लिए न्याय संगत नहीं है।
इस याचिका में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि रोक को जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर को रखी गई है। उल्लेखनीय है, कि हरिद्वार में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के नगरों में यूपी के सहारनपुर, मुज्जफरनगर से मांस आकर बिकता है। जिसके आधार पर ये मांग की गई थी, कि स्लॉटरहाउस यही उत्तराखंड सीमा में खोलने की अनुमति दी जाए। ऐसी भी जानकारी में आया है कि हरिद्वार जिले में कई स्थानों पर चोरी छिपे पशु काटे जा रहे हैं और उनकी मांस की बिक्री बाजार में की जा रही है।
उत्तराखंड में हलाल और झटके के मीट की बिक्री को भी चर्चा मिली हुई है, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तराखंड सरकार को सिखों की भावनाओं के अनुसार हर मांस परोसने वाले रेस्त्रां को ये बोर्ड चस्पा करने का प्रबंध करने को कहा गया है कि कौन सा मांस परोसा जा रहा है। स्मरण रहे कि हिंदू जनमानस झटके का मीट का सेवन करता रहा है।