हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से कॉन्ग्रेस विधायक मामन खान 31 जुलाई को हुए नूहं हिंसा के मामले में पुलिस के शिकंजे में हैं। नूहं में हिन्दुओं की शोभायात्रा पर हुए कातिलाना हमले की जाँच कर रही हरियाणा पुलिस की एसआईटी (SIT) को मामन खान के मोबाइल-लैपटॉप से पुख्ता सबूत मिले हैं।
मामले की जाँच कर रही एसआईटी (विशेष जाँच दल) के प्रमुख सतीश कुमार ने उनके गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। जिसके बाद मामन खान को शुक्रवार (15 सितम्बर, 2023) दोपहर को एसआईटी ने कोर्ट में पेश किया। जहाँ से विधायक को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब SIT उनसे पूछताछ कर उनके सोशल मीडिया पोस्ट, हिंसा के दौरान उनकी मोबाइल लोकेशन आदि की बाबत जानकारी जुटाएगी।
वहीं कॉन्ग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी पर नूहं के SP नरेंद्र बिजारणियाँ ने बयान में कहा, ”नूहं के बडकली चौक पर हुई हिंसक घटना में मामन खान की भूमिका मिली है। इसके साथ ही MLA खान दंगा फैलाने वालों के संपर्क में भी थे। 31 जुलाई को MLA की लोकेशन भी हिंसा वाली जगह के आसपास मिली है।”
कहा जा रहा है विशेष जाँच दल ने विधायक से पूछ्ताछ के लिए सवालों की एक लम्बी सूचि तैयार की है। बता दें कि कॉन्ग्रेस विधायक पर बड़कली चौक पर हुई हिंसा के आरोप हैं। पुलिस के पास अभी जो पुख्ता सबूत हैं उसके आधार पर खान को नूहं हिंसा के एक साजिशकर्ता के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि हिंसा वाले दिन मामन खान उस क्षेत्र से कहीं बहुत दूर नहीं बल्कि मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर थे। पुलिस ने कोर्ट में जो दस्तावेज सौपें हैं उनमें उनके दोनों गनर के बयान भी हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि हिंसा वाले दिन विधायक जहाँ-जहाँ गए वहाँ हिंसा हुई है। जबकि अपनी याचिका में मामन खान ने कहा था कि वह 26 जुलाई से 1 अगस्त के बीच अपने गुरुग्राम स्थित आवास पर थे और उन जगहों पर नहीं गए जहाँ हिंसा हुई थी।
वहीं अभी तक रिपोर्ट में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार मामन खान से SIT पुलिस रिमांड के दौरान जिन सवालों के जवाब तलाशेगी उनमें है कि हिंसा भड़काने के लिए मोबाइल से उस दिन कितने पोस्ट किया। हिंसा में उनके कितने समर्थक शामिल थे। विधायक के पपास कितने मोबाइल फोन और सिमकार्ड हैं। साथ ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम, फेसबुक, यू ट्यूब, टेलीग्राम, व्हॉट्सएप्प आदि की जानकारी भी जुटाएगी। इसके अलावा राजस्थान के घाटमिया गाँव निवासी नासिर-जुनैद से उनके संबंधों, आर्थिक मदद, हिंसा की योजना, वहीं अब तक गिरफ्तार हुए आरोपितों से मुलाकात को लेकर सवाल किये जाएँगे।
बता दें कि नूहं जिले के नगीना थाने में मामन खान के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की थी। जिसमें हत्या का प्रयास, लूट, दुकानों में आगजनी सहित कई अन्य धाराएँ लगाई हैं। खान पर तेल मिल में आग लगाने, लूटपाट करने और तोड़फोड़ के भी आरोप हैं। यह FIR 1 अगस्त, 2023 को दर्ज हुई थी।
हरियाणा पुलिस के पास कॉन्ग्रेस विधायक पर आरोपों को साबित करने के लिए फोन कॉल रिकॉर्ड सहित कई अन्य सबूत हैं। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी बुधवार को इसी मामले में चंडीगढ़ में संवाददाता सम्मेलन कहा था, “अगर जाँच के दौरान खान की संलिप्तता का पता चला तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।” जिसके एक दिन बाद ही मामन खान को गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने उच्च न्यायालय को बताया कि खान के खिलाफ सबूतों की जाँच के बाद ही उन्हें चार सितंबर को आरोपित बनाया गया था। बाद में उन्होंने बृहस्पतिवार (14 सितम्बर) को संवाददाताओं से कहा कि खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट में महाधिवक्ता सभरवाल ने कहा था कि खान के कॉल डिटेल रिकॉर्ड, उनके फोन टावर लोकेशन, उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (गनर) के बयान और अन्य सबूत विधायक के दावे को गलत साबित करते हैं कि वह हिंसा वाले दिन नूहं में नहीं थे। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि सह-आरोपित तौफीक ने भी मामन खान का नाम लिया है।
बता दें कि तौफीक को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वहीं इस बारे में महाधिवक्ता सभरवाल ने कहा कि खान और तौफीक के फोन कॉल विवरण और टावर लोकेशन की जाँच की गई तो यह पाया गया कि 31 जुलाई की हिंसा से पहले 29 और 30 जुलाई को उनके बीच फोन पर बातचीत हुई थी।
गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी यह बयान दे चुके हैं कि 28, 29 और 30 जुलाई को मामन खान जिन जगहों पर गए थे, वहाँ-वहाँ हिंसा हुई थी। इसके अलावा दूसरे कई भाजपा नेता भी मामन खान को नूहं हिंसा का मास्टरमाइंड बता चुके हैं।