दिल्ली शाराब घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे मनीष सिसोदिया को एक बार फिर से कोर्ट की तरफ से करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जरिए सिसोदिया के खिलाफ जांच किए जा रहे मामलों पर फैसला सुनाया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कथित दिल्ली एक्साइज पॉलिसी और मनीष सिसोदिया के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं को लेकर सीबीआई और ईडी से कई सवाल पूछे थे। कोर्ट ने ये तक कह दिया था कि किसी को जीवन भर तो जेल में नहीं रख सकते हैं।
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अभी ट्रायल शुरू होने दीजिए, इसके तीन महीने बाद नई अर्जी दाखिल की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रांसफर के संबंध में एक बार पहले भी कहा जा चुका है।
Supreme Court notes the aspects regarding the transfer of money trail of Rs 338 crores is tentatively established.
— ANI (@ANI) October 30, 2023
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. पीठ ने दोनों याचिकाओं पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 17 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव के लिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत ‘अपराध से आय’ का हिस्सा नहीं है, तो संघीय एजेंसी के लिए सिसोदिया के खिलाफ धनशोधन का आरोप साबित करना कठिन होगा.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ में कथित भूमिका को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वह, उस समय से हिरासत में हैं. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धनशोधन मामले में नौ मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
Supreme Court dismisses the bail plea of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia in connection with cases related to alleged irregularities in the Delhi Excise Policy case. pic.twitter.com/3gAYUMGW9I
— ANI (@ANI) October 30, 2023
उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के पद पर रहने के नाते, वह एक ‘प्रभावशाली’ व्यक्ति हैं तथा वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में तीन जुलाई को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया फरवरी से ही कथित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था और आज जमानत याचिका खारिज कर दी है। मनीष सिसोदिया ने कोर्ट से अपने खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में जमानत मांगी है।