एक्टर रश्मिका मंदाना का एक Deepfake वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. ये किसी दूसरी लड़की का वीडियो है जिसे एडिट करके इसमें रश्मिका मंदाना का चेहरा लगा दिया गया है. इस वीडियो के वायरल होते है Deepfake की भी चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि ये वीडियो Deepfake का ही उदाहरण है. हालांकि ध्यान से वीडियो देखने पर ये साफ लगता है कि ये असली नहीं है. लेकिन दूसरे Deepfake वीडियोज को नॉर्मली पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है.
Deepfake नया टर्म नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों से Deepfake के जरिए लोगों का बड़ा नुकसान किया जा रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का ऐक्सेस आसान हो गया है. Deepfake कॉन्टेंट के लिए AI का ही यूज किया जाता है. खास कर स्कैमर्स Deepfake का यूज लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए करते रहे हैं.
कई सराकरी अफ़सरों ने X पर पोस्ट करके Deepfake से लड़ने के लिए सिस्टम तैयार करने की बात की है. सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि Deepfake से लड़ने की तैयारी की जा रही है. हालांकि इस तरह के AI मैकेनिज्म से पूरी तरह निजात पाना काफी मुश्किल है.
क्या है ये Deepfake?
Deepfake टर्म Deep Learning से आया है. Machine Learning का एक पार्ट है Deep learning. नाम में Deep लगा है जिसके मतलब मल्टीपल लेयर्स होता है और ये आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर बेस्ड होता है. इस एल्गोरिद्म में काफी सारा डेटा एंटर करके फेक कॉन्टेंट को असली में बदल दिया जाता है.
इन दिनों Deepfake के कई ऐप्स प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलब्ध हैं. हालांकि ये ऐप Deepfake बनाने का दावा नहीं करते हैं, लेकिन ये ऐप फोटोज का एक्स्प्रेशन बदला, किसी का चेहरा हटा कर दूसरा लगाना, बॉडी शेप चेंज करने से लेकर किसी वीडियो कॉन्टेंट में किसी दूसरे शख्स की आवाज तक लगा देते हैं.
आप इंटरनेट पर हर दिन Deepfake के कई उदाहरण देखते हैं, लेकिन ये टर्म पता ना होने की वजह से समझने में मुश्किल होती है. आए दिन कुछ ऐप्स पॉपुलर होते हैं जो आपकी कई फोटोज ले कर उसे बेहतरीन बना देते हैं या आपका बदला हुआ रूप दिखाते हैं, ये ऐप्स भी दरअसल Deepfake टेक को ही यूज करते हैं. इसी तरह आपने कई वीडियोज देखे होंगे जहां पीएम मोदी की आवाज में गाने चल रहे होते हैं, इसे भी Deepfake कह सकते हैं.
ठीक इसी तरह कई वीडियोज वायरल होते रहे हैं जहां Trump और Obama साथ में डांस कर रहे हैं, पोप पफर जैकेट में हैं और पीएम मोदी राजनाथ सिंघ के साथ गाने गा रहे हैं. ये सबकुछ Deepfake का ही उदाहरण है.
इन ऐप्स को कोई भी डाउनलोड करके किसी की वीडियो के साथ वो काम कर सकता है जो अभी रश्मिका मंदाना के वीडियो के साथ हुआ है. यानी वीडियो में बॉडी किसी और की और चेहरा किसी और का है.
Deepfake का सबसे बड़ा चैलेंज ये है कि इस मेथड से बनाए गए कॉन्टेंट बिल्कुल असली जैसे लगते हैं. इसमें इतना डेटा डाला गया होता है कि लिप सिंक तक बिल्कुल सटीक दिखती है. हालाँकि थोड़ा केयरफुली देखने पर आप समझ सरकते हैं कि वीडियो फेक है, लेकिन पहली नज़र में ये नक़ली नहीं लगता है.
Deepfake कैसे बनाए जाते हैं?
Deepfake वीडियो बनाने के लिए सबसे पहले जिसका वीडियो बनाना है उसकी असली फ़ोटोज़ और वीडियोज को Deepfake वीडियो बनाने के लिए तैयार किए गए टूल में डाला जाता है. यहाँ Encoder और Decoder का यूज भी किया जाता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI इन फ़ोटोज और वीडियोज को अनालइज करता है.
Deepfake में किसी भी तस्वीर, वीडियो और ऑडियो को मैनिपुलेट या छेड़छाड़ करके उसे बिल्कुल अलग बनाया जा सकता है. किसी लीडर या सेलिब्रिटी के स्पीच को उठा कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल के ज़रिए पूरी स्पीच बदली जा सकती है. आपको लगेगा कि स्पीच असली है, लेकिन आप भ्रम में पड़ जाएंगे.