भारत के रणनीतिक साझेदार और जिगरी दोस्त फ्रांस ने स्टूडेंट वीजा कैप मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के फैसले पर पानी फेर दिया है। कनाडा ने अभी एक दिन पहले ही स्टूडेंट वीजा कैप लगाते हुए सभी विदेशी छात्रों की संख्या कम कर दी थी। कनाडा ने इसके लिए आवास और छात्रावास में कमी समेत अन्य सुविधाएं सीमित होने का हवाला दिया था।
कनाडा के इस निर्णय से भारतीय छात्रों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका थी। क्योंकि भारतीय छात्र कनाडा में कुल विदेशी छात्रों की तुलना में कई गुना अधिक हैं। मगर कनाडा के इस निर्णय के एक दिन बाद ही फ्रांस ने भारतीय छात्रों के लिए रेड कारपेट बिछाकर जस्टिन ट्रूडो के निर्णय की हवा निकाल दी है।
जस्टिन ट्रूडो के निर्णय की हवा निकाल दी
कनाडा के इस निर्णय से भारतीय छात्रों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका थी। क्योंकि भारतीय छात्र कनाडा में कुल विदेशी छात्रों की तुलना में कई गुना अधिक हैं। मगर कनाडा के इस निर्णय के एक दिन बाद ही फ्रांस ने भारतीय छात्रों के लिए रेड कारपेट बिछाकर जस्टिन ट्रूडो के निर्णय की हवा निकाल दी है।
30,000 Indian students in France in 2030.
It’s a very ambitious target, but I am determined to make it happen.
Here’s how: pic.twitter.com/QDpOl4ujWb
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) January 26, 2024
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 30 हजार भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस का दरवाजा खोल दिया है। देश के 75 वें गणतंत्रता दिवस के मौके पर भारत आए फ्रांस के राष्ट्रपति ने अपने एक्स मीडिया पोस्ट पर लिखा कि वर्ष 2030 तक फ्रांस 30,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करेगा। मैक्रों ने भारतीय छात्रों के लिए अपने इस ‘महत्वाकांक्षी’ योजना का विवरण भी दिया। बता दें कि इमैनुएल मैक्रॉन ने वर्ष 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों का फ्रांस में स्वागत करने की एक महत्वाकांक्षी योजना विस्तृत की है। इससे भारतीय छात्रों को झटका देने के कनाडा के प्रयासों पर पानी फिरता दिख रहा है।
इमैनुएल मैक्रों ने किया ये ऐलान
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच शैक्षणिक संबंधों को बढ़ावा देने के एक बड़े प्रयास में, फ्रांस 2030 तक अपने विश्वविद्यालयों में 30,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करने का लक्ष्य बना रहा है। भारत की यात्रा के दौरान एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने ने लिखा कि यह योजना भारत के साथ फ्रांस के संबंधों को मजबूत करने के एक “महत्वाकांक्षी” प्रयास का हिस्सा है। बता दें कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस का “प्रमुख भागीदार” कहा जाता है। राष्ट्रपति ने जुलाई 2023 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के बाद भारत को अपना प्रमुख भागीदार बताया था। मैक्रों ने कहा, “हम ‘सभी के लिए फ्रेंच, बेहतर भविष्य के लिए फ्रेंच’ पहल के साथ पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए नए रास्ते शुरू कर रहे हैं।”
भारतीय छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को और सरल करेगा फ्रांस
मैक्रों ने यह ऐलान करने के साथ कहा कि भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस अपनी वीजा प्रक्रिया को और अधिक सरल करेगा। उन्होंने कहा, “हम फ्रेंच सीखने के लिए नए केंद्रों के साथ एलायंस फ्रैंचाइज़ का नेटवर्क विकसित कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कक्षाएं बना रहे हैं जो उन छात्रों को हमारे विश्वविद्यालयों में शामिल होने की अनुमति देगी, जो जरूरी नहीं कि फ्रेंच बोलते हों।” फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि फ्रांस में पढ़ाई करने वाले पूर्व भारतीय छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे उनके लिए वापस लौटना आसान हो जाएगा। यह घोषणा तब हुई है जब फ्रांस का लक्ष्य 2025 तक 20,000 भारतीय छात्रों को आकर्षित करना है, जो 2030 तक 30,000 के बड़े लक्ष्य के लिए मंच तैयार कर रहा है।
पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए नए रास्ते शुरू
आपको बता दें कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस का “प्रमुख भागीदार” कहा जाता है। राष्ट्रपति ने जुलाई 2023 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के बाद भारत को अपना प्रमुख भागीदार बताया था। मैक्रों ने कहा, “हम ‘सभी के लिए फ्रेंच, बेहतर भविष्य के लिए फ्रेंच’ पहल के साथ पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए नए रास्ते शुरू कर रहे हैं।”