2015 में मॉरिशस की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिशस को “छोटा भारत” कहा था. इसी मॉरिशस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राजकीय दौरा होने वाला है. द्रौपदी मुर्मू के इस दौरे को मालदीव में चीन की चालबाज़ी को ध्वस्त करने की नई नीति मानी जा रही है. द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा 11-13 मार्च तक होगा. जहां वह इस द्वीप राष्ट्र के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी. 12 मार्च को मॉरिशस के राष्ट्रीय दिवस सामारोह मनाया जाता है. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए थे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू इसके अलावा मॉरीशस नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, वहां के उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और देश के कई महत्वपूर्ण नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। विदेश मंत्रालय ने बताया, ”भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने के लिए 11 से 13 मार्च तक द्वीप राष्ट्र का दौरा करेंगी।” मंत्रालय ने बताया, ‘‘भारतीय नौसेना की एक टुकड़ी अपने दो युद्धपोतों के साथ समारोह में हिस्सा लेगी। टुकड़ी में भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन आईएनएस तीर और सीजीएस सारथी शामिल है।
क्या है पूरा कार्यक्रम
साल 2000 के बाद से मॉरिशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वालीं द्रौपदी मुर्मू छठीं भारतीय राष्ट्रपति हैं. दो युद्धपोतों- आईएनएस तीर और सीजीएस सारथी के साथ भारतीय नौसेना की एक टुकड़ी भी इस समारोह में हिस्सा लेंगी. जानकारी के मुताबिक मॉरिशस के साथ भारत 14 समझौते कर सकता है. मोदी सरकार की सागर पॉलिसी के तहत मॉरिशस में छह नए प्रोजेक्ट को भी पूरा किया जाएगा. यात्रा के दौरान वह कई बड़े नेताओं से भी मुलाकात करेंगी. इस साल 29 फ़रवरी को ही प्रधानमंत्री मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने एयर बेस और नेवल पोर्ट को विकसित करने को हरी झंडी दी थी.
भारत से सहायता प्राप्त 14 परियोजनाओं का मॉरीशस में उद्घाटन करेंगी राष्ट्रपति
” विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मुर्मू और जगन्नाथ संयुक्त रूप से भारत से सहायता प्राप्त 14 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं नयी दिल्ली की मॉरीशस के साथ विकास साझेदारी के विस्तार और बहुआयामी प्रकृति को प्रदर्शित करेंगी, जो द्विपक्षीय संबंधों का एक ‘प्रमुख स्तंभ’ है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों के आदान-प्रदान, संस्थागत सहयोग और क्षमता निर्माण सहयोग को मजबूत बनाने के प्रयास की भी गवाह बनेंगीं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ”मुर्मू, वर्ष 2000 के बाद से मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वालीं छठीं भारतीय राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति का यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच दीर्घकालिक व स्थायी संबंधों को रेखांकित करता है। (भाषा)
क्यों अहम है सैन्य बेस?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा एक ऐसे समय में हो रहा है जब मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्ज़ू के सत्ता में आते ही मालदीव के भारत से रिश्ते बिगड़ने लगे हैं और चीन के साथ करीबी बढ़ रही है. वहीं इस बीच एक खबर यह भी आई है कि 10 मार्च को भारत मालदीव से अपने सैनिकों को बुलाने की शुरुआत कर रहा है. पहले से तय डेडलाइन के तहत भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी होगी. इस बीच मुर्मु का दौरा काफी अहम माना जा रहा है. मॉरिशस के जिस आइलैंड पर भारत और मॉरिशस मिलकर सैन्य बेस बना रहा है वो मॉरिशस के मुख्य आइलैंड से 1100 किलोमीटर दूर और मालदीव, सेशेल्स, अमेरिका के कंट्रोल वाले डिएगो गार्सिया के केंद्र में है. जो सैन्य रणनीति के हिसाब से बेहद अहम लोकेशन है.