भारत ने आज मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण डीआरडीओ की ओर से किया गया. डीआरडीओ ने इसे मिशन दिव्यास्त्र नाम दिया है. इस परीक्षण के बाद भारत एक सिंगल मिसाइल को अलग-अलग वारहेड और अलग-अलग लोकेशन पर इस्तेमाल कर सकता है. भारत की इस बड़ी कामयाबी पर पीएम मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, कि मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला परीक्षण सफल हो गया है. बता दें कि अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण सफल होने के बाद अब पूरा पाकिस्तान औऱ चीन की राजधानी बीजिंग भी भारत की जद में आ गया है.
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
‘भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का किया परीक्षण’
भारत सरकार के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि “भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का परीक्षण किया गया है। मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का यह पहला उड़ान परीक्षण था। इस परीक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई युद्ध प्रमुखों को तैनात कर सकती है। परियोजना निदेशक एक महिला है और इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।”
मिशन दिव्यास्त्र के साथ भारत को मिलेगी नई पहचान
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी (MIRV) क्षमता है। यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से सुसज्जित है, जो यह सुनिश्चित करती है कि पुन: प्रवेश करने वाले वाहन वांछित सटीकता के भीतर लक्ष्य बिंदुओं तक पहुंचें। यह क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति की प्रतीक है।