सीएए (नागरिकता संशोधन कानून)अधिसूचना का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया है. CAA अधिसूचना को लागू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका IUMLने दाखिल की है. आईयूएमएल ने अधिसूचना के कार्यान्वयन पर रोक की मांग की है. आईयूएमएल ने कहा कि “सीएए असंवैधानिक, मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण” है. IUML के मुताबिक- पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने यह कहते हुए रोक का विरोध किया था कि कोई तत्काल कार्यान्वयन नहीं होगा क्योंकि नियम अधिसूचित नहीं है.
उनकी ओर से कहा गया कि CAA असंवैधानिक है और मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है. धार्मिक पहचान के आधार पर वर्गीकरण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. वहीं डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट ऑफ इंडिया भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष CAA की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपनी लंबित याचिका पर सुनवाई की मांग कर सकता है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने आख़िरकार चार साल बाद CAA की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही नागरिकता संशोधन क़ानून अब देशभर में लागू हो गया है. नागरिकता संशोधन कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से तंग होकर जो हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग भारत आए हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए एक वेब पोर्टल तैयार कर लिया है. शरणार्थियों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद सरकार जांच करेगी और फिर नागरिकता दी जाएगी. इस कानून के लागू होने के बाद देश के कई हिस्सों में जश्न का माहौल तो कई जगह विरोध के भी सुर हैं. दिल्ली में पुलिस अलर्ट पर है तो असम में विपक्ष ने आज बंद बुलाया है, लेकिन असम पुलिस ने इस बंद को लेकर विपक्ष को नोटिस भेजा है.
CAA लागू करने से कोई नहीं रोक सकता- बोले थे अमित शाह
सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद में पारित किया गया था. बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी पर तब इसके खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे. वैसे, यह कानून अब तक इसलिए लागू नहीं हो सका था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर, 2023 को कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है.
कैसे दी जाएगी गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता?
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, “ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारत की नागरिकता देने के लिए एप्लीकेशन देने में सक्षम बनाएंगे. आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है.”