दलबदल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बड़ी सेंध लगाई है. छिंदवाड़ा से विधायक कमलेश प्रताप शाह ने विधायक पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी और बहन के साथ कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.
दरअसल, छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा से मौजूदा विधायक कमलेश प्रताप शाह ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी हर्रई नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह, बहन जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम के साथ बीजेपी ज्वाइन की है. राजधानी भोपाल स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है.
वहीं इस मौके पर डॉ. मोहन यादव ने कहा, “आज पूरा प्रदेश मोदीमय है, जिनकी तीन पीढ़ियां विधायक रह चुकी हैं, वह आज कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कमलनाथ के व्यवहार के कारण वह बीजेपी में शामिल हुए. छिंदवाड़ा में गड़बड़ है और उसके उदाहरण निकालकर सामने आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री के अलावा पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि कमलेश बहुत प्रतिष्ठित परिवार से हैं. वह तीसरी बार के विधायक हैं. प्रधानमंत्री की कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर वे भारतीय जनता पार्टी में आए हैं. उनका हृदय से स्वागत है.
बीजेपी में जाने से पहले छोड़ी विधायकी
खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले कमलेश प्रताप शाह ने विधायक पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद वे बीजेपी में शामिल हुए. बताया जा रहा है कि कमलेश प्रताप शाह का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्वीकार भी कर लिया.
यह नेता भी भी हो चुके छिंदवाड़ा से भाजपा में शामिल
छिंदवाड़ा जिले में भाजपा लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ को झटके पर झटका दे रही है। कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ली। इसके पहले पाढुर्ना नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घोटोड़े, 16 सरपंच समेत कई नेताओं भगवा पार्टी में शामिल हुए। वहीं, कमलनाथ के करीबी सैयद जाफर और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना एवं पूर्व मंत्री तेजीलाल सरयाम की बहु सुहागवती सरयाम भी भाजपा छोड़ चुके हैं।
कमलनाथ जी आज भी सम्मानीय ओर कल भी रहेंगे
कमलेश शाह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से प्रभावित होकर भाजपा में आए है। जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ से नाराजगी के सवाल पर कहा कि उनकी कमलनाथ जी से कोई नाराजगी नहीं है। शाह ने कहा उनके लिए कमलनाथ जी कल भी सम्मानीय थे, आज भी हैं और कल भी सम्मानीय रहेंगे।
इस बार कमलनाथ का गढ़ बचाना आसान नहीं
भाजपा ने कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार की है। पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलें लगी, लेकिन जब यह विफल हो गई तो भाजपा ने उनके करीबियों को तोड़ने की चाल चली। छिंदवाड़ा में भाजपा के पदाधिकारी हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने का दावा कर रहे है। वहीं, पिछली बार नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव में करीब 37 हजार वोटों से जीत मिली थी। वहीं, कमलनाथ भी विधानसभा का चुनाव 25 हजार वोटों से जीते। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इस बार पूर्व सीएम को अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती होगा।