एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण की वोटिंग के बाद 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार पूरा डेटा अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की है।
एडीआर ने अपनी साल 2019 की जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया है जिसमें चुनाव आयोग के पैनल को निर्देश देने की मांग की गई है कि सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17C भाग- I के रिकॉर्ड किए गए वोटों की प्रतियां फौरन अपलोड की जाएं।
दायर याचिका में कहा गया है कि, पूर्ण संख्या में अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र के आंकड़ों ने उक्त डेटा की शुद्धता के विषय में चिंताएं और सार्वजनिक संदेह बढ़ा दिया है. आवेदनों में कहा गया है कि 30 अप्रैल की प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित डेटा, 19 अप्रैल और 26 अप्रैल के प्रारंभिक डेटा के साथ तुलना की जाती है, तो लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई देती है. ‘ईसीआई द्वारा डाले गए वोटों की पूर्ण संख्या जारी नहीं करने के साथ-साथ डाले गए वोटों के आंकड़े जारी करने में अनुचित देरी के कारण मतदाताओं के मन में प्रारंभिक डेटा और 30 अप्रैल को जारी किए गए डेटा के बीच तेज वृद्धि के बारे में आशंकाएं पैदा हो गई हैं.’ आवेदन में कहा गया है, इसका समाधान किया जाए.
निर्वाचन क्षेत्र का सारणीबद्ध डेटा देने का निर्देश दे कोर्ट- ADR
एडीआर ने कहा, “चुनाव आयोग को 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण की वोटिंग के बाद फॉर्म 17C भाग- I में दर्ज किए गए वोटों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार डेटा और निर्वाचन क्षेत्र का सारणीबद्ध डेटा प्रदान करने का निर्देश दें।”
ताकि चुनावी अनियमितताओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित न हो
एडीआर ने कहा है कि याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गई है कि चुनावी अनियमितताओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित न हो। बता दें कि चुनाव आयोग ने पहले चरण की वोटिंग (19 अप्रैल) होने के 11 दिन बाद डेटा जारी किया था, वहीं दूसरे चरण (26 अप्रैल) की वोटिंग होने के 4 दिन बाद मतदान को डेटा जारी किया था।