भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने बुधवार को तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरीं। वह बोइंग के सीएसटी-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरने वाली पहली सदस्य बन गई हैं। साथ ही इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला भी हैं।
उड़ान परीक्षण की पायलट हैं सुनीता विलियम्स
विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना हुआ। 58 वर्षीय विलियम्स उड़ान परीक्षण की पायलट हैं, जबकि 61 वर्षीय विल्मोर मिशन के कमांडर हैं। यह मिशन पहले कई बार प्रभावित हो चुका है। इसके गुरुवार दोपहर 12:15 बजे अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की संभावना है।
#Starliner is on its way to the @Space_Station! After lifting off from Cape Canaveral at 10:52am ET (1452 UTC), @NASA_Astronauts Butch Wilmore and Suni Williams are scheduled to dock with the station at 12:15pm ET (1615 UTC) on Thursday, June 6: https://t.co/rFZ1KcKJzy pic.twitter.com/hfWexQ2QKH
— NASA (@NASA) June 5, 2024
कब होगी वापसी
विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है। यान बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा। दोनों अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगे और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के वास्ते स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे।
बोइंग ने क्या कहा?
बोइंग का इरादा स्टारलाइनर को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के साथ प्रतिस्पर्धा करना है, जो 2020 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन चालक दल के सदस्यों को स्पेस स्टेशन पर भेजने के लिए नासा का एकमात्र स्पेशक्राफ्ट रहा है। बोइंग रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा अध्यक्ष और सीईओ टेड कोलबर्ट ने कहा कि यह चालक दल उड़ान परीक्षण अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग की शुरुआत है। हम अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचाने और घर वापस लाने के लिए उत्सुक हैं।
एटलस वी राकेट से भेजे जाने वाले विल्मोर और विलियम्स पहले यात्री हो गए हैं। क्रू सदस्यों के साथ स्टारलाइनर लगभग 345 किलो कार्गो भी ले गया है। विलियम्स और विल्मोर पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष स्टेशन पर लगभग एक सप्ताह बिताएंगे।
सुनीता विलियम्स के पास है अनुभव
नासा ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है। उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी।
सुनीता की पहली यात्रा
पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन 14/15 के दौरान विलियम्स ने नौ दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ उड़ान भरी थी और 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंची। पहली अंतरिक्ष यात्रा में उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 29 घंटे और 17 मिनट की चार बार चहलकदमी करने के साथ महिलाओं के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में कुल पांच बार चहलकदमी कर 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
सुनीता की दूसरी यात्रा
एक्स्पीडिशन 32/33 में विलियम्स ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी की फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उस वक्त विलियम्स ने प्रयोगशाला की परिक्रमा करते हुए अनुसंधान और अन्वेषण में चार महीने का वक्त बिताया था। वह अंतरिक्ष में 127 दिन का वक्त बिताने के बाद 18 नवंबर 2012 को कजाखस्तान पहुंची थीं। अपने अभियान के दौरान विलियम्स और होशिदे ने तीन बार अंतरिक्ष की चहलकदमी की और स्टेशन के रेडिएटर से अमोनिया के रिसाव को ठीक किया। अंतरिक्ष में 50 घंटे और 40 मिनट की चहलकदमी के साथ विलियम्स ने एक बार फिर किसी महिला अंतिरक्ष यात्री का अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक चहलकदमी करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
यह भी जानें
विलियम्स का जन्म ओहायो के यूक्लिड में भारतीय-अमेरिकी न्यूरोएनाटॉमिस्ट दीपक पांड्या और स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलिन बोनी पांड्या के घर हुआ था। उन्होंने यूएस नेवल एकेडमी से भौतिक विज्ञान की डिग्री ली और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की है।