दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट आज दोपहर 2-30 बजे अपना फैसला सुनाएगा। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी थी। बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी। उसके बाद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट 26 जून को सुनवाई करेगी।
अरविंद केजरीवाल की जमानत का मामला
दिल्ली हाई कोर्ट आज 2.30 बजे सुनाएगा फैसला। राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। इसके खिलाफ ईडी हाई कोर्ट चली गयी थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों पक्षों के द्वारा अपना रिटेन सबमिशन दे दिया गया था। इसके बाद जस्टिस सुधीर जैन की अदालत में आज फैसला सुनाया जाएगा। ये फैसला इस बात को लेकर है कि केजरीवाल की जमानत पर जब तक हाई कोर्ट में फैसला नहीं हो जाता है, तब तक रिहाई पर अंतिरिम स्टे रहेगा या नहीं।
निचली अदालत के फैसले पर HC ने लगाई रोक
बता दें कि न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिये जाने के बाद 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाये जाने तक निचली अदालत के फैसले के क्रयान्वयन पर रोक लगा दी थी। आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, यदि उच्च न्यायालय ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती।
ईडी ने निचली अदालत के फैसले को एकतरफा बताया
निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था। निचली अदालत ने साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। ईडी ने दलील दी है कि निचली अदालत का आदेश “विकृत”, “एकतरफा” और “गलत” था तथा निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे। जमानत आदेश पर रोक लगाने की याचिका के संबंध में सोमवार को दायर एक नोट में ईडी ने कहा कि निर्णय में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन के अपराध में आप नेता की “गहरी संलिप्तता” को प्रदर्शित करने वाली सामग्री पर गौर नहीं किया गया।
ईडी के दावे को केजरीवाल ने बताया भ्रामक
केजरीवाल ने अपने लिखित दलील में कहा कि ईडी के दावे ‘स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल-कपट और गलत बयानी के समान हैं।’
उन्होंने कहा, “ईडी का बार-बार यह दावा कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और/या उसके सभी दलीलों पर विचार नहीं किया गया, शुरू में ही खारिज कर देने योग्य है। जैसा कि कहा गया है, जमानत देने वाला आदेश न केवल दोनों पक्षों की सभी प्रासंगिक दलीलों से जुड़ा है, बल्कि जमानत देने के कारणों को भी दर्शाता है, जो प्रत्येक पहलू पर अदालत द्वारा उचित विचार-विमर्श को दर्शाता है।”
केजरीवाल को पहले एससी से राहत मिल चुकी है
उन्होंने कहा कि यह कोई विकृत मामला नहीं है, जैसा कि रिकॉर्ड से पता चलता है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य उनके खिलाफ झूठा मामला बनाने और उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता कि वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, जो केंद्र की व्यवस्था के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “प्रतिवादी (केजरीवाल) अपने जमानत आदेश पर रोक लगाने के आदेश से बहुत व्यथित हैं, जिसने न्याय को एक आपदा बना दिया है और इसे अब एक पल के लिए भी जारी नहीं रखा जाना चाहिए।”
प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा ईडी
उन्होंने कहा, ‘‘विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत देने का आदेश न केवल तर्कसंगत था, बल्कि प्रथम दृष्टया ‘दोनों पक्षों की ओर से दी गई प्रासंगिक दलीलों’ पर गौर करने और साथ ही उसका ईमानदारी से निस्तारण दर्शाता है। इसलिए, आदेश पर रोक लगाना याचिका को शुरू में ही स्वीकार करने के समान होगा।” अवकाशकालीन न्यायाधीश के रूप में विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने 20 जून को धनशोधन मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी और कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले में अपराध की आय से उन्हें जोड़ने वाले प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा है। इक्कीस जून को, उच्च न्यायालय ने स्थगन के मुद्दे पर फैसला सुनाये जाने तक जमानत आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था और पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था।