उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में पेपर लीक के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, इसके तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर 2 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
CM Yogi Adityanath-led Uttar Pradesh government to bring Uttar Pradesh Public Examinations Ordinance 2024 in wake of paper leak of Constable Recruitment Exam and RO-ARO exam in the state. The proposal has been approved by the State Cabinet.
The Ordinance will provide for life… pic.twitter.com/EBBz8UdLOQ
— ANI (@ANI) June 25, 2024
क्या है अध्यादेश का उद्देश्य?
योगी सरकार द्वारा लाए जा रहे अध्यादेश को उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकधाम) अध्यादेश 2024 नाम दिया गया है। इस अध्यादेश को सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपरलीक को रोकने, साल्वर गिरोह पर प्रतिबन्ध लगाने और उससे जुड़े और उसके आनुषंगिक मामलों का प्रावधान करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है।
कहां-कहां लागू होगा?
जानकारी के मुताबिक, इस अध्यादेश का नियम सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाएं, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा। अध्यादेश में फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि भी दण्डनीय अपराध बनाये गये हैं। प्रावधानों के उल्लंघन के पर न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का दण्ड तथा एक करोड़ रूपये तक के दण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
जमानत के सम्बन्ध में भी कठोर प्रावधान
अध्यादेश में कहा गया है कि यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कम्पनियों तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है। अपराध की दशा में सम्पत्ति की कुर्की का भी प्रावधान किया गया है। जमानत के सम्बन्ध में भी कठोर प्रावधान किये गये हैं।
तीन बड़े शहरों के सीमा विस्तार को मंजूरी
कैबिनेट ने तीन बड़े शहरों के सीमा विस्तार को भी मंजूर किया। इनमें प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर शामिल हैं। योगी सरकार की ओर से एक प्रेस नोट भी जारी किया गया है। नकल विरोधी नया कानून पदोन्नति परीक्षाओं, डिग्री डिप्लोमा एग्जाम, सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं और नियमितीकरण आदि पर भी लागू होगा। यह कानून शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की प्रवेश परीक्षा को भी कवर करेगा। सरकार ने कहा कि फर्जी तरीके से पेपर बनाकर वितरित करना और फर्जी सेवायोजन के लिए वेबसाइट बनाना भी दंडनीय अपराध बनाया गया है। जिसके तहत दोषी सिद्ध होने पर अब 2 साल से आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी।