ब्रिटेन में गुरुवार को आम चुनाव के लिए मतदान होने जा रहा है। मतदाता 20 माह पुरानी ऋषि सुनक सरकार को लेकर निर्णय लेंगे। मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक होगा। चुनाव खत्म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी और शुक्रवार सुबह पांच तक चुनाव परणाम आ जाएंगे। हालांकि, सभी की नजरें एक्जिट पोल पर होंगी।
लेबर पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना
चुनाव पूर्व किए गए जनमत सर्वेक्षणों में कीर स्टर्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। ऐसा होता है तो लगातार 14 वर्ष से शासन कर रही कंजर्वेटिव पार्टी की सत्ता का अवसान हो जाएगा। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बीते कुछ हफ्तों में हजारों मील की दूरी तय कर चुके हैं, लेकिन वह इस उम्मीद से आगे नहीं बढ़ सके हैं कि अब उनके प्रधानमंत्री बने रहने के कुछ घंटे ही शेष हैं।
पीएम सुनक ने इस बात पर दिया जोर
अक्टूबर, 2022 में पदभार संभालने वाले भारतवंशी पीएम सुनक ने जोर देकर कहा कि इस चुनाव का परिणाम कोई पहले से तय निष्कर्ष नहीं है। कहा, ये कुछ कठिन समय रहे हैं, लेकिन निस्संदेह चीजें अब पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। लेबर पार्टी भी चुनाव को हल्के में लेने के विरुद्ध चेतावनी दे रही है, और समर्थकों से आग्रह कर रही है कि वे इन चुनावों के बारे में आत्मसंतुष्ट न हों।
पिछले 2019 के चुनाव में जीतने वाले 15 सांसद भारतवंशी थे
650 सदस्यीय संसद के लिए मतदाता पीएम सुनक के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के चार पूर्व प्रधानमंत्रियों के भविष्य का भी निर्णय लेंगे। वहीं, पिछले 2019 के चुनाव में जीतने वाले 15 सांसद भारतवंशी थे, इनमें कई इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने छह सप्ताह के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लोगों से उनकी मध्य-वामपंथी पार्टी को मौका देने और बदलाव के लिए मतदान करने का आग्रह किया है।
40 हजार केंद्रों पर होगी वोटिंग
मतदाता इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में 650 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करेंगे. मतदान केंद्र सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहते हैं, जिसमें लगभग 40,000 केंद्रों पर 46 मिलियन पात्र मतदाता मतदान सकते हैं. इस चुनाव में एक नई मतदाता पहचान-पत्र वाली व्यवस्था शुरू की गई है. चुनाव पूर्व के सर्वेक्षणों में दिखाया गया है कि लेबर पार्टी के कीर स्टारमर अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. सर्वेक्षणों से पता चलता है कि उनकी पार्टी ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को हरा देगी. स्टारमर ने “आशा और अवसर के नए युग” का वादा किया है और कहा है कि उनका मंत्रिमंडल “सरकार के लिए तैयार है.”
खुद का चुनाव भी हार सकते हैं सुनक
ऐसी खबरें हैं कि सुन रिचमंड और नॉर्थलेर्टन के अपने यॉर्कशायर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव हार सकते हैं जहां उन्होंने 2019 में 27,000 वोटों से जीत हासिल की थी. करीबी विश्वासपात्रों का कहना है कि सुनक कड़ी टक्कर मिलने से चिंतित हैं. 2019 के पिछले आम चुनाव में बोरिस जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी ने 365 सीटें जीती थीं. वहीं लेबर पार्टी ने 202 सीटें जीती थीं, एसएनपी ने 48 और लिबरल डेमोक्रेट ने 11 सीटें जीती थीं. इस बार, सुनक को आंतरिक कलह और आठ वर्षों में पांच अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के दौर के बाद मतदाताओं के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.
दो सदन की परंपरा
ब्रिटेन में एक संवैधानिक राजतंत्र के साथ संसदीय प्रणाली काम करती है. वहां का राजा, राज्य का मुखिया होता है. यूनाइटेड किंगडम में दो सदन हैं, पहला हाउस ऑफ कॉमन (House of Commons) जिसमें 650 उम्मीदवार हैं जो जनता द्वारा चुनकर आते हैं. वहीं दूसरा उच्च सदन है जिसे हाउस ऑफ लॉर्ड्स (House of Lords) कहा जाता है, इसमें 784 सदस्य हैं. इनमें से 92 लोग वंशानुगत (Hereditary) हैं.