केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव करने जा रही है. सरकार वक्फ से जुड़े दो बिल संसद में लाएगी. एक बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा. दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे. संशोधन बिल 2024 के जरिए सरकार 44 संशोधन करने जा रही है. सरकार ने कहा कि बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है.
सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ बिल में क्या-क्या है, आइए जानते हैं…
- सरकार मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को वापस लेगी. यानी निरस्त करने के लिए बिल लाएगी. इसे औपनिवेशिक युग का कानून मानते हुए वक्फ संपत्ति के प्रभावी प्रबंधन के लिए पुराना और अपर्याप्त माना गया है.
- वक्फ के प्रशासन और प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए सरकार वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करेगी.
- सरकार 1995 के वक्फ एक्ट को संशोधित करेगी.
- नए बिल में आगाखानी और बोहरा वक्फ को परिभाषित किया गया है
- जो मुस्लिम कम से कम पांच साल से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा है वही अपनी चल अचल संपत्ति को वक्फ कर सकेगा
- नए बिल में वक्फ से मिलने वाले धन से विधवाओं, तलाकशुदा और अनाथ का सरकार द्वारा सुझाए गए तरीके से कल्याण के काम करने होंगे
- जो कानूनी तौर पर चल अचल संपत्ति का मालिक है वही वक्फ कर सकेगा
- नए बिल के मुताबिक, वक्फ करने के दौरान उत्तराधिकारियों और महिलाओं के उत्तराधिकार के अधिकारों और हक से वंचित नहीं किया जा सकेगा.
- सभी रजिस्टर्ड वक्फ संपत्ति (बिल के लागू होने के पहले का वक्फ यानी पुराना) की डिटेल 6 महीने में पोर्टल पर डालनी होगी जिसमें वक्फ संपत्ति की बाउंड्री, इस्तेमाल, अभी वो किसके कब्जे में है, आदि सब जानकारियां डालनी होगी.
- जो वक्फ कर रहा है उसका पता, वक्फ करने का तरीका, तारीख, बतानी होगी. अगर डीड है तो वो भी देना होगा.
- उस संपत्ति से मिलने वाले भू राजस्व, सेस, उसका रेट, टैक्स, आय, कोर्ट केस की डिटेल भी बतानी होगी.
- वक्फ के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति इस अधिनियम के लागू होने पर वक्फ की संपत्ति नहीं मानी जाएगी.
ये कानून लागू होने के बाद किसी भी वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा. अगर उसके सरकारी संपत्ति होने को लेकर विवाद हो.. ऐसी संपत्ति की जांच कलेक्टर करके अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देंगे और रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार रिवेन्यू रिकॉर्ड में बदलाव करेगी.
काउंसिल में कौन-कौन होगा?
वक्फ काउंसिल का चेयरपर्सन अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री होगा. इसमें राज्यसभा और लोकसभा के 3 सांसद होंगे. इसके अलावा मुस्लिम संगठनों से तीन लोग, वक्फ का एक मुतल्लवी जिसकी सालाना आय 5 लाख से ज्यादा हो, 3 मुस्लिम स्कॉलर, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के 2 पूर्व जज, एक वरिष्ठ वकील और 4 राष्ट्रीय महत्व के लोग इसका हिस्सा होंगे. मुस्लिम समुदाय से नामित होने वालों में 2 मुस्लिम महिलाएं होंगी.
बिल लाने का मकसद क्या है?
सरकार वक्फ से जुड़े दो बिल संसद में लाएगी. एक बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा. दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे. संशोधन बिल 2024 के जरिए सरकार 44 संशोधन करने जा रही है. सरकार ने कहा कि बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है. इसमें वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है जिसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था.
वक्फ कानून 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 होगा. केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम और गैर मुस्लिम का उचित प्रतिनिधित्व होगा. मुस्लिम समुदायों में अन्य पिछड़ा वर्ग; शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी का प्रतिनिधित्व प्रदान करना है. महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को रखना अनिवार्य होगा. वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर को होगा.