बुलडोजर एक्शन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकती। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलें पेश कीं। तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा केवल नगर निगम के कानून के अनुसार ही किया जा सकता है।
दोषी हो तब भी नहीं गिराया जा सकता है घर
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है? अगर वह दोषी भी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। हमें रवैये में कोई बदलाव नहीं दिखता। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के सामने गलत ढंग से याचिकाकर्ता मामले को रख रहे हैं। ये कार्रवाई नियमों का पालन करते हुए की गई है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस कार्रवाई से पहले नोटिस बहुत पहले जारी किए गए थे, लेकिन ये लोग पेश नहीं हुए। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। वहीं जस्टिस गवई ने कहा कि अगर निर्माण अनाधिकृत है, तो ऐसे मामलों में भी यह कानून के अनुसार होना चाहिए।
Hearing on a batch of pleas assailing bulldozer/demolition action undertaken by authorities in relation to houses of persons accused of crimes | Supreme Court remarks that how can demolition take place if someone is accused and the property can't be demolished even if he is… pic.twitter.com/dAXxggbYxf
— ANI (@ANI) September 2, 2024
जल्द बनाए जाएंगे दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में दिशा-निर्देश जारी करेंगे, जो पूरे देश भर में लागू होगा इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से सुझाव मांगा है। कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों का सुझाव आने दीजिए, हम राष्ट्रीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की गई है।