भारतीय कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पास 5500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त करके एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। यह खेप म्यांमार की मछली पकड़ने वाली नाव “सो वेई यान हू” से बरामद की गई। प्रतिबंधित ड्रग मेथमफेटामाइन (Methamphetamine) के साथ-साथ एक पोर्टेबल इनमारसैट सैटेलाइट फोन भी जब्त किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- अभियान का कारण:
- हाल के दिनों में अंडमान समुद्र में रोहिंग्या नावों और म्यांमार के शिकारी जहाजों की बढ़ती गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान खींचा था।
- पकड़े गए शिकारियों से हुई पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद निगरानी कड़ी कर दी गई थी।
- ड्रग्स और तकनीक का उपयोग:
- जब्त की गई मेथमफेटामाइन की मात्रा इसे भारत में पकड़ी गई सबसे बड़ी खेपों में से एक बनाती है।
- पोर्टेबल सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल संभवतः अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से संपर्क बनाए रखने के लिए किया जा रहा था।
- सुरक्षा और रणनीति:
- कोस्ट गार्ड ने समुद्री क्षेत्र में गश्त और जांच तेज कर दी है।
- यह घटना समुद्री ड्रग तस्करी के खिलाफ भारत की सतर्कता को दर्शाती है, खासकर म्यांमार और आसपास के क्षेत्रों से होने वाली तस्करी को रोकने के लिए।
बड़ी उपलब्धि क्यों?
यह बरामदगी न केवल ड्रग तस्करों के नेटवर्क पर कड़ा प्रहार है, बल्कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के आसपास की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। भारत की यह सख्ती ड्रग तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ उसकी मजबूत नीति को दर्शाती है।
भविष्य की चुनौतियां:
- ड्रग तस्करी के नए रास्तों और तकनीकों को रोकने के लिए और मजबूत रणनीति की आवश्यकता होगी।
- क्षेत्रीय सहयोग, विशेष रूप से म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ, इस समस्या से निपटने में मददगार हो सकता है।
निगरानी के दौरान भारतीय तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान ने एक नाव का पता लगाया जो संदिग्ध लग रही थी। इसकी सूचना संयुक्त ऑपरेशन केंद्र (जेओसी) को दी गई, जिसने संदिग्ध लाव को रोकने के लिए श्री विजया पुरम से आईसीजी फास्ट पेट्रोल पोत, आईसीजी जहाज अरुणा आसफ अली को संदिग्ध नाव का पता लगाने के लिए कहा। आईसीजी जहाज ने मौजूदा खराब समुद्री परिस्थितियों के बावजूद संदिग्ध नाव को रोकने के लिए तेज गति से आगे बढ़ा।
#WATCH | ‘Soe Wai Yan Htoo’ – the fishing boat from Myanmar from which the drugs were recovered by the Indian Coast Guard in the Andaman seas
(Source: Indian Coast Guard) pic.twitter.com/VVJ9B1cwmZ
— ANI (@ANI) November 25, 2024
नाव में मिला 5500 किलोग्राम ड्रग्स
आईसीजी जहाज ने एक मछली पकड़ने वाली नाव को रोका, जो स्थानीय भारतीय नाव से मेल नहीं खाती थी। नाव पर म्यांमार का झंडा था, इसलिए 24 नवंबर 24 की सुबह तक उस पर नजर रखी गई। आईसीजी जहाज अरुणा आसफ अली 24 नवंबर 24 को सुबह साढ़े छह बजे जांच के लिए संदिग्ध नाव पर चढ़ा और संयुक्त पूछताछ की गई। इस समय नाव भारतीय जल में बैरन द्वीप से 8 समुद्र मील दूर थी। नाव पर सवार छह नाव चालक दल की पहचान म्यांमार के नागरिकों के रूप में की गई। नाव की तलाशी के दौरान, बोर्डिंग पार्टी ने एक पोर्टेबल इनमारसैट सैटेलाइट फोन के साथ लगभग 5500 किलोग्राम सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ पकड़ा गया।
Indian Coast Guard ship with the apprehended drugs consignment of 5.5 tonnes (5,500 kgs) in the Andaman waters. The boat used for smuggling the drugs was first picked up by an Indian Coast Guard Dornier maritime surveillance aircraft after which the ICGS vessel apprehended it on… pic.twitter.com/4R5UylpGJh
— ANI (@ANI) November 25, 2024
25 नवंबर को वापस लौटा जहाज
आईसीजी जहाज अरुणा आसफ अली और पकड़ी गई नाव 25 नवंबर 24 को सुबह पांच बजे श्री विजयपुरम पहुंचे। यह ऑपरेशन भारतीय जलक्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध शिकार के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता है। यह भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पकड़ी गई नशे की अब तक की सबसे बड़ी खेप है। इस घटना से यह साफ है कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री मादक पदार्थों का व्यापार बढ़ रहा है और नई चुनौतियां पेश कर रहा है। वहीं, भारतीय कोस्ट गार्ड सीमा सुरक्षा और नशे के अवैध व्यापार को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।