वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में छात्रों और वक्फ बोर्ड के बीच विवाद ने तीखा रूप ले लिया है। कॉलेज परिसर के बाहर मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ गया है, जिसमें छात्रों ने भगवा झंडे लेकर प्रदर्शन किया और मस्जिद को हटाने की मांग की। यह मुद्दा वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज की जमीन पर दावा करने से शुरू हुआ, जो अब एक संवेदनशील विषय बन गया है।
घटना का विवरण:
- छात्रों का प्रदर्शन:
- शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 को, सैकड़ों छात्रों ने भगवा झंडे लेकर यूपी कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया।
- उन्होंने जुमे की नमाज पर आपत्ति जताई और कहा कि अगर नमाज जारी रही तो वे भी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
- प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
- मस्जिद पर विवाद:
- यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज प्रबंधन को नोटिस भेजा था, जिसमें कॉलेज की जमीन पर मस्जिद के मालिकाना हक का दावा किया गया था।
- वक्फ बोर्ड ने वक्फ एक्ट, 1995 के तहत मस्जिद को अपनी संपत्ति घोषित करने की मांग की थी।
- कॉलेज प्रशासन ने दावा किया कि यह जमीन इंडाउमेंट ट्रस्ट की है और इस पर वक्फ का कोई अधिकार नहीं है।
- पहले की घटनाएं:
- 3 दिसंबर को छात्रों ने कॉलेज के भीतर हनुमान चालीसा का पाठ किया था, जिसके बाद पुलिस के साथ झड़प हुई थी।
- पुलिस ने उस समय कई छात्रों को हिरासत में लिया और कुछ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।
- वक्फ बोर्ड का रुख:
- वक्फ बोर्ड ने हाल ही में इस जमीन पर से अपना दावा छोड़ने की घोषणा की है, लेकिन मस्जिद पर नमाज पढ़ने को लेकर तनाव जारी है।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका:
- पुलिस ने कॉलेज परिसर और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।
- भड़काऊ बयान देने वाले 12 लोगों, जिनमें मुख्तार अहमद और गुलाम रसूल शामिल हैं, पर FIR दर्ज की गई है।
संवेदनशीलता और संभावित समाधान:
- यह विवाद सांप्रदायिक सौहार्द और कानूनी अधिकारों को लेकर एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
- विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच संवाद और कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने 115 साल पहले किया था स्थापित
यूपी कॉलेज करीब 500 एकड़ में फैला है। इसके द्वारा प्रदेश में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, रानी मुरार बालिका स्कूल, राजर्षि शिशु विहार, राजर्षि पब्लिक स्कूल संचालित किया जाता है। इन सबमें करीब 20,000 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना लगभग 115 साल पहले सन 1909 में भिनगा (बहराइच, उत्तर प्रदेश) के राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने की थी।
प्रिंसिपल के रूप में 1 नवंबर,2001 को कार्यभार सँभालने वाले डॉक्टर डीके सिंह ने कहा कि इस मामले का उन्होंने संज्ञान लिया था। उन्होंने कहा, “कार्यभार सँभालने के बाद हमारे छात्रों ने बताया किया कि कुछ लोग मस्जिद में निर्माण कार्य कर रहे है। वे लोग निर्माण करने के लिए रात में बालू और सीमेंट जबरदस्ती ला रहे थे। हालाँकि, सुरक्षाकर्मियों ने इसका विरोध किया था।”
प्रिंसिपल ने आगे बताया कि उन्होंने इसकी सूचना तुरंत पुलिस-प्रशासन को दी और निर्माण सामग्री को मस्जिद से बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि इसके कुछ दिनों के बाद सूचना मिली कि कॉलेज की बिजली लाइन से मस्जिद में बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। इसका बिजली बिल कॉलेज को देना पड़ता था।
प्रिंसिपल ने बताया, “लगभग एक साल पहले हमने मस्जिद का बिजली कनेक्शन कटवा दिया।” रिपोर्ट के मुताबिक, उदय प्रताप कॉलेज परिसर में मस्जिद और मज़ार का निर्माण समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार की शह पर किया गया था। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ये निर्माण पूरी तरह अवैध है।