उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में अपने संबोधन में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों पर टिप्पणी करते हुए सनातन धर्म के महत्व और उसकी सार्वभौमिकता पर जोर दिया। उनके बयान के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. औरंगजेब और उसके वंशजों पर टिप्पणी:
- योगी आदित्यनाथ ने मुगल शासक औरंगजेब का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने ईश्वर और धर्म के प्रति जो अनादर किया, उसका परिणाम उसके वंशजों को भुगतना पड़ा।
- उन्होंने कहा कि औरंगजेब के वंशज कोलकाता में रिक्शा चलाने पर मजबूर हुए, जो उसके कर्मों का प्रतिफल है।
- यह टिप्पणी ऐतिहासिक संदर्भ में दी गई थी, जहां उन्होंने नैतिकता और धर्म के सम्मान को व्यक्ति और वंश की उन्नति के लिए आवश्यक बताया।
2. सनातन धर्म का महत्व:
- वसुधैव कुटुंबकम का संदेश:
- योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म विश्व मानवता की रक्षा का मूल आधार है।
- ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पहले “वसुधैव कुटुंबकम” का सिद्धांत दिया, जो सभी को एक परिवार के रूप में देखने का संदेश देता है।
- हर मजहब को शरण देने की परंपरा:
- उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने विपत्ति के समय हर धर्म और मजहब को शरण दी है।
- यह सनातन धर्म की महानता और उदारता को दर्शाता है।
3. हिंदुओं के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय पर सवाल:
- योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदुओं के साथ हुए अन्याय का जिक्र किया।
- उन्होंने कहा कि इन देशों में हिंदुओं को शरण देने के बजाय उनका दमन किया गया, जबकि भारत ने विपरीत परिस्थितियों में भी हर किसी को शरण दी।
- उनका इशारा हिंदुओं की स्थिति सुधारने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में था।
4. विश्व मानवता और सनातन धर्म का भविष्य:
- सीएम योगी ने कहा कि यदि विश्व मानवता को बचाना है, तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा।
- उन्होंने इसे वैश्विक शांति और सह-अस्तित्व का एकमात्र मार्ग बताया।
#WATCH | Ayodhya | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, "…I want to ask who were those people who destroyed the Sanatana Dharma's places of pride in the country and why did they do it? What was the intention behind it? It was a part of the conspiracy to make the whole earth a… pic.twitter.com/nFkTaoKSXP
— ANI (@ANI) December 20, 2024
काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र
योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”
काशी के साथ संभल का जिक्र क्यों?
योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।