केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीनों नए आपराधिक कानून नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं।
जिन क्षेत्रों में अधिक एफआईआर दर्ज होती हैं, वहां के सभी पुलिस थानों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी जाए। राज्य के प्रत्येक जिले में एक से अधिक फोरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध होनी चाहिए तथा अन्य राज्यों को हस्तांतरित जीरो एफआईआर की नियमित निगरानी होनी चाहिए। फोरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – ‘गंभीर, सामान्य व अति सामान्य’ में विभाजित करें। जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। उत्तराखंड सरकार को नये कानूनों के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्रों में अंतराल को भरने का प्रयास करना चाहिए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति मेंउत्तराखंड में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उत्तराखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून, नागरिक अधिकारों के रक्षक और ‘न्याय की सुगमता’ का आधार बन रहे हैं। गृह मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को जल्द से जल्द नए आपराधिक कानूनों को शत-प्रतिशत कार्यान्वित करने को कहा।
शाह ने कहा कि नए कानून पीड़ित और नागरिक केन्द्रित हैं और इन्हें इसी भावना के साथ मुस्तैदी से लागू किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को नये कानूनों के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्रों में कमियों को पूरा करने के प्रयास करने चाहिए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ज़्यादा FIR दर्ज होने वाले क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों और जेलों में नए कानूनों के शत-प्रतिशत अमल को प्राथमिकता दे। तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों। शाह ने कहा कि फोरेंसिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य – में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही गृह मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान तय करने के लिए प्रोटोकॉल बने और सभी स्थानों पर लगने वाले कैमरा उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हों।
शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनीटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल Zero FIR में से कितनी FIR में न्याय मिला और कितनी FIR राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सप्ताह में एक बार तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए। शाह ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सभी पुलिस अधीक्षकों द्वारा निर्धारित समयसीमा के तहत मामलों की जांच सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।