पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, लेकिन उन्हें जाँच में पूरा सहयोग देने का आदेश दिया। इलाहाबादिया पर आरोप हैं कि उन्होंने एक शो में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद मुंबई और गुवाहाटी में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत दी, लेकिन यह शर्त भी रखी कि वह समन किए जाने पर जाँच में सहयोग करेगा। अदालत ने यह भी कहा कि उन्हें नई शोज करने से भी रोक दिया गया है।
कोर्ट की आलोचना
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया के व्यवहार को गंभीरता से आलोचना करते हुए कहा कि उनका व्यवहार समाज को हल्के में लेना और निचले स्तर तक गिर जाना शर्मनाक है। कोर्ट ने कहा कि उनके शब्दों से माता-पिता, बहनें और बेटियाँ शर्मिंदा हो सकती हैं और उनका दिमाग गंदगी से भरा हुआ है। अदालत ने इस टिप्पणी को शर्मसार करने वाला करार दिया और कहा कि इस तरह के व्यवहार को समाज में कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
अश्लील टिप्पणी और धमकियां
इलाहाबादिया के अरुणाचल प्रदेश के गवर्नर पर की गई अभद्र टिप्पणी पर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। इसके अलावा, उनके वकील ने दावा किया कि उन्हें हत्या की धमकियाँ मिल रही हैं और उनकी जुबान काटने पर ₹5 लाख का इनाम रखा गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अश्लील टिप्पणी के मामले में कोई नई FIR दर्ज नहीं की जाएगी और उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी गई।
रणवीर इलाहाबादिया का विवाद
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब इलाहाबादिया ने कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गोट लैटेंट’ में एक प्रतिभागी से आपत्तिजनक सवाल किया था। उनके द्वारा किए गए इस सवाल पर देशभर में विरोध हुआ और असम और मुंबई में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जहां इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत दी, वहीं उनकी गंभीर आलोचना की और कहा कि इस तरह के विकृत मानसिकता वाले व्यवहार को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कानून का पालन करने और समाज को सम्मान देने की बात कोर्ट ने प्रमुख रूप से उठाई।