यह मामला गंभीर और संवेदनशील है, क्योंकि इसमें एक मासूम बच्ची की पहचान बदलकर उसे अवैध रूप से किसी और की संतान बनाने की कोशिश की गई। मध्य प्रदेश के सागर जिले के इस घटना में एक हिंदू बच्ची को “फातिमा” नाम देकर उसी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहाँ उसकी असली माँ का निधन हुआ था।
घटना की प्रमुख बातें:
- महिला की मौत के बाद बच्ची को चुरा लिया गया
- मृतक महिला के साथ उसका 5 साल का बेटा और ढाई महीने की बच्ची थी।
- माँ के निधन के बाद बच्ची को कथित रूप से एक मुस्लिम परिवार ने चुरा लिया।
- बच्ची का नाम बदलकर “फातिमा” कर दिया गया
- शबाना नाम की महिला ने अस्पताल के रिकॉर्ड में बच्ची का नाम और माता-पिता का विवरण बदलवाया।
- बच्ची को मुस्लिम परिवार की संतान बताने की कोशिश की गई।
- हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मामला उजागर
- जब यह जानकारी हिंदू संगठनों को मिली, तो उन्होंने मौके पर पहुँचकर विरोध किया।
- मामला सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति ने हस्तक्षेप किया।
- बच्ची को मातृ छाया आश्रम और उसके भाई को बाल आश्रम भेज दिया गया।
इस घटना से जुड़े मुख्य सवाल:
- कैसे अस्पताल प्रशासन ने नाम और माता-पिता का विवरण बदलने की अनुमति दी?
- क्या यह केवल एक बच्चा चोरी का मामला है, या इसके पीछे कोई संगठित रैकेट है?
- क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी, और बच्ची को उसके असली परिवार तक पहुँचाने की कोशिश की जाएगी?
संभावित कानूनी कार्यवाही:
- IPC की धारा 363 (अपहरण), 468 (फर्जीवाड़ा), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
- बाल कल्याण समिति इस मामले की गहन जाँच कर सकती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
यह मामला धर्मांतरण, बच्चा चोरी और पहचान बदलने से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन को इसे उच्च स्तर पर जाँच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।