भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष, जो बीते एक महीने से वियतनाम के विभिन्न शहरों में आयोजित भव्य प्रदर्शनी का केंद्र बने हुए थे, अब भारत लौट आए हैं। सोमवार (2 जून) की रात भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से ये अवशेष दिल्ली लाए गए। आज सुबह से ही इन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय में श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु एक दिन के लिए सार्वजनिक रूप से रखा गया है।
आध्यात्मिक एकता की प्रतीक बनी ऐतिहासिक यात्रा
2 मई को उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार से ये पवित्र अवशेष वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर पहुंचे थे। वेसाक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस प्रदर्शनी ने वियतनाम के दक्षिण से उत्तर तक एक अद्वितीय आध्यात्मिक तीर्थयात्रा का रूप लिया।
इस ऐतिहासिक यात्रा में लगभग 1.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के दर्शन कर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त किया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने इस आयोजन को भारत-वियतनाम के सांस्कृतिक संबंधों की नई ऊँचाई बताया है।
#WATCH | The Holy Relics of Lord Buddha return to India, after their month-long exposition tour across Vietnam.
Originally scheduled to conclude on 21st May, the exposition was extended until 2nd June upon special request by the Government of Vietnam due to the spiritually… pic.twitter.com/wJFYTzMxb8
— ANI (@ANI) June 2, 2025
दिल्ली में हुआ औपचारिक स्वागत और प्रार्थना सभा
पालम वायुसेना स्टेशन पर इन पवित्र अवशेषों का स्वागत ओडिशा के राज्यपाल प्रो. हरि बाबू कंभमपति के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ भिक्षु, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के अधिकारी और कई देशों के राजनयिक भी उपस्थित रहे।
आज दोपहर को राष्ट्रीय संग्रहालय में एक विशेष औपचारिक प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ, जिसमें बौद्ध धर्मगुरुओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
4 जून को होंगे सारनाथ में प्रतिस्थापित
4 जून को ये पवित्र अवशेष दिल्ली से वाराणसी के रास्ते सारनाथ ले जाए जाएंगे, जहाँ मूलगंध कुटी विहार में इन्हें पुनः प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसी के साथ भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के अमर संदेश को विश्व भर में पुनः स्थापित करने वाली इस अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा का समापन होगा।