उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो न केवल उन्हें सम्मान देगा, बल्कि सुरक्षा बलों में पुन:स्थापन का अवसर भी प्रदान करेगा।
मुख्य घोषणा:
यूपी पुलिस और PAC में पूर्व अग्निवीरों को 20% आरक्षण मिलेगा।
यह निर्णय आज लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस निर्णय की जानकारी दी।
बैठक में गृह विभाग का प्रस्ताव शामिल था।
अग्निपथ योजना की पृष्ठभूमि:
- शुरुआत: जून 2022 में केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना शुरू की गई थी।
- कार्यकाल: सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल की संविदा पर भर्ती होती है।
- पहले छह महीने ट्रेनिंग, बाकी साढ़े तीन साल सेवा।
- 25% अग्निवीरों को स्थायी किया जाएगा।
- शेष 75% के लिए सरकार ने अन्य क्षेत्रों में अवसर सुनिश्चित करने की योजना बनाई थी — यूपी का यह फैसला उसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
फैसले का महत्व:
- सैन्य अनुशासन और अनुभव का लाभ पुलिस बल को मिलेगा।
- अग्निवीरों को पुनर्वास का सुरक्षित और गरिमापूर्ण विकल्प।
- प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूती।
- युवाओं के बीच अग्निपथ योजना की स्वीकार्यता बढ़ेगी।
भविष्य में संभावित प्रभाव:
- अन्य राज्य भी यूपी की तर्ज़ पर पुलिस या अन्य सेवाओं में आरक्षण दे सकते हैं।
- सेना छोड़ने वाले प्रशिक्षित युवा अब सेवा के बाद खाली नहीं बैठेंगे, बल्कि उन्हें स्थायी रोजगार मिल सकता है।
- पुलिस बल में आने वाले अग्निवीर बेहतर ट्रेनिंग, फिजिकल स्टैंडर्ड और मानसिक अनुशासन लेकर आएंगे।