राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने कोयंबटूर कार बम ब्लास्ट में 4 और आरोपितों की गिरफ्तारी कर ली है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अहमद अली, जवाहर सातिक, राजा अब्दुल्ला उर्फ एमएसी राजा और शेख दाऊद के रूप में हुई है। इस मामले में अब तक कुल 8 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं।
इन गिरफ्तारियों से एक बड़े आतंकी भर्ती नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें मद्रास अरबी कॉलेज के संस्थापक जमील बाशा का नाम भी शामिल है। NIA का दावा है कि आरोपितों ने तमिलनाडु के युवाओं को भड़काकर आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा था।
बाशा, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, अरबी भाषा की कक्षाओं की आड़ में सलाफी-जिहादी विचारधारा फैला रहा था। उसका मकसद ‘जिहाद के ज़रिए खिलाफत बनाना’ और भारत की लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर इस्लामिक शासन लागू करना था।
4 More Accused Arrested by NIA in TN Radicalisation and Recruitment Case Involving Kovai Arabic College pic.twitter.com/fEkSZFAKQe
— NIA India (@NIA_India) June 18, 2025
कोयंबटूर धमाका: क्या है ISIS कनेक्शन?
अक्टूबर 2022 में कोयंबटूर में एक कार में धमाका हुआ था। इसमें जमीशा मुबीन नाम का शख्स मारा गया था। भारत की जाँच एजेंसी NIA का कहना है कि यह धमाका एक आतंकी ग्रुप की लोगों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिशों का नतीजा था।
शुरुआत में लगा था कि मुबीन एक पुराने मंदिर को उड़ाना चाहता था, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि उसका असली मकसद शहर के बीच में जाकर ज़्यादा तबाही मचाना था। उसने पुलिस चौकी देखकर मंदिर के सामने गाड़ी रोकी, और फिर गैस लीक होने से धमाका हो गया।
मुबीन की लाश से 7 लोहे की पिन मिली थीं। उसके घर की तलाशी और उसके शरीर पर लिखी बातों से साफ हुआ कि वह इस्लामिक स्टेट (ISIS) नाम के आतंकी संगठन की सोच से जुड़ा था। वह लोगों को ‘मुस्लिम’ या ‘काफ़िर’ (गैर-मुस्लिम) में बाँटकर ‘जिहाद’ (धर्म युद्ध) की बात करता था।
जाँच और आगे की कार्रवाई
NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) ने 30 अक्टूबर 2022 को इस धमाके की जाँच शुरू की थी। शुरुआत में इस मामले में पहले भी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके नाम मुहम्मद तालका, मोहम्मद अजहरुद्दीन, मोहम्मद रियाज, फिरोज इस्माइल और मोहम्मद नवाज इस्माइल थे।
NIA का मानना है कि यह सब भारत के खिलाफ आतंकी सोच फैलाने की साजिश है और वे इसकी पूरी गहराई से जाँच कर रहे हैं। उनका मकसद है कि तमिलनाडु पुलिस और बाकी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर इस आतंकी ग्रुप को पूरी तरह से खत्म किया जाए। NIA ने यह भी बताया है कि अभी और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।
दक्षिण भारत में आतंकी गतिविधियाँ
पिछले कुछ सालों से भारत की जाँच एजेंसी NIA साउथ इंडिया के कई राज्यों में आतंकवाद से जुड़े मामलों की जाँच कर रही है।
जनवरी 2023: केरल के कोल्लम से PFI (एक प्रतिबंधित संगठन) का एक रिपोर्टर मोहम्मद सादिक पकड़ा गया। यह शख्स गैर-मुस्लिमों (जिन्हें वे ‘काफिर’ कहते हैं) की जानकारी इकट्ठा करता था।
दिसंबर 2022: केरल से PFI का वकील मोहम्मद मुबारक गिरफ्तार हुआ। यह चरमपंथियों को गला काटने जैसी खतरनाक ट्रेनिंग दे रहा था।
जुलाई 2019: तमिलनाडु में वाहदत-ए-इस्लामी हिंद नाम के एक कट्टरपंथी संगठन का पर्दाफाश हुआ और इसके 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस संगठन का मकसद भारत को एक इस्लामिक देश बनाना था। ये सभी घटनाएँ बताती हैं कि दक्षिण भारत में कट्टरपंथी सोच को फैलाने और युवाओं को आतंकी कामों में शामिल करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं।
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