असम सरकार का बड़ा ऐलान: ‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ के नाम से जगीरोड में बनेगा टेक हब
असम सरकार ने दिवंगत रतन टाटा और टाटा समूह के असम के औद्योगिक विकास में योगदान को सम्मान देने के लिए जगीरोड में बनने वाली इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम ‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
रतन टाटा और टाटा समूह का असम में योगदान
- टाटा समूह ने असम में स्वास्थ्य, शिक्षा, औद्योगिक निवेश और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- टाटा ट्रस्ट ने गुवाहाटी कैंसर संस्थान की स्थापना में भी मदद की थी।
- राज्य सरकार का मानना है कि इस इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नामकरण राज्य को तकनीकी और औद्योगिक विकास के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ से संभावित लाभ
- असम को टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में मदद मिलेगी।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश आकर्षित होगा।
- असम को डिजिटल इंडिया और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक मजबूत तकनीकी केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- निजी विश्वविद्यालयों के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस अनिवार्य
- असम में नए निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए विशेष सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) लेनी होगी।
- ये संस्थान धर्म परिवर्तन या सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते।
- ‘एडवांटेज असम-2’ इन्वेस्टमेंट मिशन
- असम को निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक सिस्टम विकसित किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया गया।
- जिन कंपनियों ने असम में निवेश के लिए एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, उनकी जांच के लिए एक विशेष व्यवस्था बनाई गई है।
असम का आर्थिक और औद्योगिक विकास
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लगातार असम को औद्योगिक हब बनाने पर जोर दे रहे हैं। इस पहल के जरिए असम को न केवल टेक्नोलॉजी सेक्टर में आगे ले जाने, बल्कि राज्य में बड़े निवेश आकर्षित करने की योजना है।