यह ऐतिहासिक घटना भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय की तरह दर्ज हो चुकी है — राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से 17 महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है। यह सिर्फ एक परेड नहीं थी, यह “नारी शक्ति” की गूंजती हुई घोषणा थी कि अब भारतीय रक्षा सेवाओं में महिलाएं भी हर मोर्चे पर साथ हैं — बराबरी से, गर्व से, नेतृत्व के साथ।
एनडीए की परेड में पहली बार शामिल हुईं महिलाएं: मुख्य बातेंइतिहास बना: NDA से पास आउट हुईं 17 महिला कैडेट्सहरियाणा की हरसिमरन कौर: एक प्रेरणादायक कहानीरितु दुहन: बनीं पहली महिला बटालियन कैडेट कैप्टनइशिता शर्मा: नॉन-मिलिट्री बैकग्राउंड से ऊँचाई तकजनरल ऑफिसर का संदेश:इस ऐतिहासिक घटना के मायने क्या हैं?नारी शक्ति का यह बढ़ता कदम अब रुकने वाला नहीं है
एनडीए की परेड में पहली बार शामिल हुईं महिलाएं: मुख्य बातें
इतिहास बना: NDA से पास आउट हुईं 17 महिला कैडेट्स
- पहली बार NDA से 17 महिला कैडेट्स ने पुरुष कैडेट्स के साथ पासिंग आउट परेड में भाग लिया।
- ये कैडेट्स भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में अधिकारी बनेंगी।
- यह पहला सह-शिक्षा (co-ed) बैच था जिसमें महिला और पुरुष दोनों को साथ ट्रेनिंग मिली।
हरियाणा की हरसिमरन कौर: एक प्रेरणादायक कहानी
- पिता: एक हवलदार।
- बेटी: बनी डिविजन कैडेट कैप्टन (DCC) – जो एक कंपनी या डिवीजन का नेतृत्व करती है।
- उनकी सफलता सपनों और मेहनत की जीत है, न कि किसी विशेष पृष्ठभूमि की।
रितु दुहन: बनीं पहली महिला बटालियन कैडेट कैप्टन
- बटालियन कैडेट कैप्टन (BCC) का पद बटालियन (तीनों कंपनियों का समूह) के लीडर को दिया जाता है।
- यह पहली बार है जब यह पद किसी महिला कैडेट को सौंपा गया है — यह नेतृत्व में लैंगिक समानता की बड़ी मिसाल है।
इशिता शर्मा: नॉन-मिलिट्री बैकग्राउंड से ऊँचाई तक
- बिना किसी सैन्य पृष्ठभूमि से आकर बनीं DCC।
- यह दिखाता है कि अब NDA में प्रतिभा और समर्पण ही असली पहचान है।
जनरल ऑफिसर का संदेश:
जनरल ने कहा:
“आज का दिन NDA के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है… यह ‘नारी शक्ति’ की शक्ति को दर्शाता है। मैं उस भविष्य की कल्पना करता हूं जब इनमें से कोई महिला भारतीय सेना की सर्वोच्च जिम्मेदारी सम्भालेगी।”
यह महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास (Women-led Development) का प्रतीक है।
इस ऐतिहासिक घटना के मायने क्या हैं?
पहलू | मायने |
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सैन्य समावेशिता | अब महिलाएं भी फ्रंटलाइन सैन्य लीडर बन सकती हैं। |
प्रेरणा | छोटे शहरों और सामान्य पृष्ठभूमि की लड़कियों को बड़ा मंच मिलेगा। |
रक्षा नीतियों में बदलाव | भविष्य में और ज्यादा महिलाओं को NDA में मौका मिलेगा। |
सैन्य संतुलन | सेना में अब अधिक जेंडर बैलेंस और मानसिक विविधता आएगी। |
नारी शक्ति का यह बढ़ता कदम अब रुकने वाला नहीं है
- अब लड़कियां सिर्फ NDA में दाख़िला ही नहीं लेंगी, बल्कि लीड करेंगी।
- यह उन हजारों बेटियों के लिए प्रेरणा है जो अब सोच सकती हैं:
“अगर हरसिमरन, रितु या इशिता कर सकती हैं, तो मैं क्यों नहीं?“