बॉलीवुड की जानी-मानी प्लेबैक सिंगर अलका याज्ञिक ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपनी सेहत के बारे में खुलासा किया है. इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि उन्हें एक दुर्लभ बीमारी ‘सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस’ हो गया है, जो अचानक हुए वायरल अटैक के कारण हुआ है. अलका याज्ञिक ने 90 के दशक में माधुरी दीक्षित से लेकर श्रीदेवी जैसी कई दिग्गज अभिनेत्रियों को अपनी आवाज दी है. इस मुश्किल दौर में उन्होंने अपने शुभचिंतकों से समर्थन और सहानुभूति की मांग की है.
क्या होता है सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस
हेल्थलाइन पर मिली जानकारी के अनुसार सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस आपके आंतरिक कान या आपके श्रवण तंत्रिका में संरचनाओं को नुकसान के कारण होता है. यह वयस्कों में 90 फीसदी से ज्यादा श्रवण हानि यानी बहरेपन का कारण है. एसएनएचएल के सामान्य कारणों में तेज आवाज, आनुवंशिक कारक या प्राकृतिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया शामिल है. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस एक स्वाभाविक हिस्सा है. हालांकि, तेज़ आवाज़ के संपर्क में आने से आपके आंतरिक कान या श्रवण तंत्रिका को स्थायी नुकसान भी हो सकता है.
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस में सुनना बंद क्यों हो जाता है?
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस के शिकार लोगों को कुछ सुनाई न देने की समस्या होने लगती है. ऐसा किसलिए होता है. यह समझते हैं. तो आपके आंतरिक कान के अंदर एक सर्पिल पार्ट होता है. इसे कोक्लीया भी कहा जाता है, इसमें बेहद छोटे-छोटे बाल होते हैं, जिन्हें स्टीरियोसिलिया कहा जाता है. ये बाल ध्वनि तरंगों से पैदा हुए कंपन को तंत्रिका संकेतों यानी न्यूरल सिग्नल्स में परिवर्तित करते हैं, जिन्हें आपकी श्रवण तंत्रिका यानी ऑडिटोरी नर्व आपके मस्तिष्क तक ले जाती है. और कुछ इस तरह आप किसी बात या आवाज को सुनते हैं.
कई बार बहुत ज्यादा शोर के संपर्क में आने से (जोकि 85 डेसिबल से अधिक तेज़ हो) ये बाल क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. जिससे सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. इन्हीं बालों पर प्रभाव या क्षति सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस का कारण बनती है. इन बालों को होने वाले नुकसान का अनुपात ही सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है. अब समझते हैं कि स्टीरियोसिलिया को हुआ कितना नुकसान सुनने की क्षमता को कितना प्रभावित करता है.
अलका याग्निक ने लोगों को किया सावधान
अलका याग्निक ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति साझा करने के बाद लोगों से सावधान रहने का अनुरोध किया है. अलका ने कहा कि लोगों को तेज़ आवाज़ वाला म्यूजिक और हेडफ़ोन से बचना चाहिए. उन्होने अपने पोस्ट में लिखा – “अपने फैंस और युवा कलीग्स के लिए, मैं कहूंगी बहुत तेज़ आवाज़ वाले संगीत और हेडफ़ोन के संपर्क में आने से सावधानी बरतें. आपके सभी प्यार और समर्थन के साथ मैं अपने जीवन को फिर से व्यवस्थित करने और जल्द ही आपके पास वापस आने की उम्मीद कर रही हूं. इस महत्वपूर्ण समय में आपका समर्थन और समझ मेरे लिए बहुत मायने रखती है.”
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस कब इतना गंभीर होता है कि बहरेपन का कारण बनें?
अगर आप सोच रहे हैं कि इन बालों को नुकसान पहुंचते ही आपको सुनना बंद हो जाता है, तो रुकिए. जब तक कि इन छोटे बालों का 30-50 फीसदी हिस्सा क्षतिग्रस्त न हो, तब तक आपको सुनने में कमी का अनुभव नहीं हो सकता. सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस (SNHL) में क्षति की डिग्री के आधार पर हल्के सुनने की हानि से लेकर पूर्ण सुनने की हानि तक हो सकती है.
कितना शोर हो सकता है नुकसानदायक
एसएनएचएल में स्टीरियोसिलिया यानी कान के अंदर मौजूद उन छोटे बालों को कितना नुकसान हुआ है इसकी डिग्री के आधार पर ही यह तय किया जा सकता है कि सुनने की क्षमता को कितना नुकसान होगा. लेकिन इसमें हल्के नुकसान से लेकर पूरी तरह बेहरापन हो सकता है.
सुनने की क्षमता को हल्का नुकसान (Mild hearing loss) : 26 से 40 डेसिबल के बीच श्रवण हानि.
सुनने की क्षमता को मध्यम नुकसान (Moderate hearing loss) : 41 से 55 डेसिबल के बीच श्रवण हानि.
सुनने की क्षमता को गंभीर नुकसान श्रवण हानि (Severe hearing loss) : 71 डेसिबल से अधिक श्रवण हानि.
क्या सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस जानलेवा है?
एसएनएचएल जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन अगर सही इलाज न मिलने पर यह संवाद यानी बातचीत में बाधा डाल सकती है.
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस के लक्षण क्या हैं
एसएनएचएल एक कान या दोनों कानों में हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस कारण से हो रहा है. अगर आपका एसएनएचएल धीरे-धीरे शुरू होता है, तो आपके लक्षण बिना सुनने की जांच के स्पष्ट नहीं हो सकते हैं. अगर आपको अचानक एसएनएचएल का अनुभव होता है, तो आपके लक्षण कई दिनों के भीतर दिखाई देंगे. कई लोगों को अचानक एसएनएचएल का एहसास सबसे पहले जागने पर होता है.
सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस के कारण :
– बैकग्राउंड शोर होने पर आवाज़ सुनने में परेशानी
– बच्चों और महिलाओं की आवाज़ को समझने में खास दिक्कत
– चक्कर आना या संतुलन की समस्या
– तेज़ आवाज़ सुनने में परेशानी
– आवाज़ें दबी हुई लगती हैं
– ऐसा महसूस होना कि आप आवाज़ें सुन सकते हैं लेकिन उन्हें समझ नहीं सकते
– टिनिटस (कानों में बजना)
इस बारे में हमने बात की डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरिया से. जो इएंनटी डिपार्टमेंट हेड है और सीनियर कंसल्टेंट हैं एशियन अस्पताल फरीदाबाद में. उन्होंने बताया कि डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरिया के लक्षण कुछ इस तरह के हो सकते हैं-
– शरीरिक संतुलब न बना पाना.
– चक्कर आना.
– उलटी आना.
– प्राइमरी डीजिज की कंडिशन के साथ भी यह हो सकता है.
– जैसे, वायरल इंफेक्शन के साथ सिरदर्द चक्कर, कमजोर जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं बचाव
-डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरियाने बताया कि बचाव के लिए आप प्राइमरी कंडिशन्स जैसे डायबिटीज, थायराइड या हाइपरटेंशन, किडनी या लिवर के रोग हैं, इन सभी का सही तरह से इलाज जारी रखना चाहिए.
– इसके साथ ही साथ पेरोडिक चैकअप भी निरंतर कराते रहना चाहिए. नजर रखनी चाहिए कि सभी मार्कर ठीक रहें. ताकि शरीर में किसी तरक के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
– इसके अलावा कॉमन संक्रमणों जैसे सर्दी-जुकान या सामान्य रेस्परेटरी इंफेक्शन्स होने पर हील्स पर जाने से बचें. क्योंकि ऐसे हालात में यह संक्रमण गले, कान या नाक से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस के लिए इलाज
डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरिया ने बताया कि इसके इलाज कुछ एंटी माइक्रोबियल और एंटी वायरल ड्रग्स दिए जाते हैं. इसके अलावा कुछ स्टेरोयड् इंजेक्शन, ओरल या इंट्रावेनस या कान में इंजेक्शन के तौर पर दिए जाते हैं.
क्या सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है
अलका याग्निक के फैन्स के मन में बार बार एक सवाल उठ रहा है कि क्या वह दोबारा सुन पाएंगी, क्या वह आगे अपने सिंगिंग करियर में गा पाएंगी. तो डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरिया ने बताया कि अगर शुरुआती लक्षणों में ही इसे पकड़ का इलाज शुरु किया जाए या अचानक से सुनना बंद होने पर भी समय रहते इलाज कराया जाए तो सुनने की क्षमता को वापस पाया जा सकता है.
क्या गाना गा सकेंगी अलका याग्निक
डॉक्टर स्वप्निल ब्रजपुरिया से जब हने पूछा कि क्या सिंगर आगे गाना गा सकेंगी तो उन्होंने बताया ” अलका को जो समस्या हुई है वह कान यानी सुनने से जुड़ी है. इसका बोलने से संबंध नहीं. अगर कुछ संबंध है, तो इनता भर कि इससे संवाद में समस्या हो सकती है. इस रोग का बोलने या आवाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.”