कोच्चि के समुद्र में जलता जहाज: भयावह मंजर और खतरे की घंटी
कोच्चि तट से अरब सागर में एक भयानक हादसा सामने आया है, जहां सिंगापुर के फ्लैग वाला कंटेनर जहाज MV Wan Hai 503 आग की लपटों में घिर गया। इस हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग पर काबू पाने की कोशिशें अब तक जारी हैं।
यह जहाज कोलंबो से मुंबई जा रहा था और जब यह केरल तट से 70 से 130 नॉटिकल मील दूर था, तभी इसमें विस्फोट हुआ और देखते ही देखते आग ने जहाज को घेर लिया। विस्फोट के बाद जहाज झुकने लगा और कई कंटेनर समुद्र में गिर गए। जहाज का मध्य भाग और कंटेनर बे आग और धमाकों से बुरी तरह प्रभावित है।
ICG और भारतीय नौसेना का रेस्क्यू ऑपरेशन
इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) और भारतीय नौसेना ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 18 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचा लिया। बताया गया कि आग जहाज के ऊपरी डेक से लेकर एकॉमोडेशन ब्लॉक तक फैल गई थी। हालांकि जहाज के आगे के हिस्से की आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन अब भी धुएं का गुबार बना हुआ है।
#UPDATE | Fires & explosions persist from mid‑ships to the container bay ahead of the accommodation block. Forward‑bay fire is now under control, though thick smoke remains. Vessel is listing approx 10–15° to port. More containers reported overboard. India Coast Guard ships… https://t.co/CgK0mYslwJ pic.twitter.com/ubt1PsQWhd
— ANI (@ANI) June 10, 2025
आग लगने की संभावित वजहें
समुद्र में तैरते जहाजों में आग लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- खतरनाक कार्गो:
कंटेनर जहाजों में अक्सर ज्वलनशील और विस्फोटक रसायन होते हैं। इस जहाज में भी 157 कंटेनरों में खतरनाक सामग्री थी, जैसे कैल्शियम कार्बाइड जो पानी से संपर्क में आने पर विस्फोटक गैस छोड़ता है। - इंजन रूम की खराबी:
जहाजों के इंजन रूम में ईंधन रिसाव, ओवरहीटिंग, या शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है। - मानवीय त्रुटि:
सुरक्षा नियमों की अनदेखी, खराब रखरखाव, या वेल्डिंग जैसे गर्म कार्यों में लापरवाही से भी चिंगारी उत्पन्न हो सकती है। - इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी:
जहाजों में जटिल इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होते हैं। शॉर्ट सर्किट या वायरिंग की गड़बड़ी भी आग का कारण बन सकती है। - कंटेनरों की अनुचित स्टैकिंग:
कंटेनरों को असुरक्षित ढंग से रखने से घर्षण या रासायनिक प्रतिक्रिया से आग लग सकती है।
अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया
कोस्ट गार्ड के अलर्ट के बाद कोझिकोड और कोच्चि के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि घायल या प्रभावित लोगों को तुरंत इलाज दिया जा सके।
समुद्र में बढ़ता खतरा: एक और घटना मई में
मई 2025 में भी एक बड़ा हादसा हुआ था, जब लाइबेरिया का कार्गो जहाज MSC ELSA 3 कोच्चि से 38 समुद्री मील दूर डूबने लगा था। उस समय भी नेवी और कोस्ट गार्ड ने 24 लोगों को रेस्क्यू किया था। जहाज पर 640 कंटेनर थे, जिनमें से कई में रसायन और 84 मीट्रिक टन डीजल व 367 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भरा हुआ था।
निष्कर्ष
समुद्र में कार्गो जहाजों की बढ़ती घटनाएं खतरे की घंटी हैं। चाहे तकनीकी खामी हो या मानवीय लापरवाही, इन हादसों से पर्यावरण, मानव जीवन और समुद्री पारिस्थितिकी को गंभीर नुकसान होता है। आने वाले समय में जहाजरानी क्षेत्र को और अधिक सुरक्षा उपाय, कड़े निरीक्षण और खतरनाक माल की निगरानी के साथ सतर्कता बरतनी होगी।