छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पामेड़ गांव में चिंतावागु नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इस बीच, बीजापुर में नक्सल मोर्चे पर तैनात ITBP और CRPF के जवानों ने कमाल कर दिखाया है। उन्होंने मानसून से पहले चिंतावागु नदी पर रोपवे तैयार किया है। दरअसल, मानसून के दौरान बरसात से ग्रामीणों को हर साल परेशानी उठानी पड़ती है। चार महीने तक नदी के पार गांव शहरी क्षेत्र से कटे रहते हैं। ऐसे में इमरजेंसी सेवा के लिए जवानों ने रोपवे तैयार किया।
एक ग्रामीण श्रीनु ने कहा, “पहले बाढ़ की वजह से लोग जहां थे वहीं रुक जाते थे और समस्याओं का सामना करते थे। अब लोगों के लिए आवागमन आसान हो रहा है। पहले लोग नदी में डूबकर मर जाते थे।” रोपवे में तीन लोगों को आसानी से नदी पार कराया जा सकता है। नक्सल ऑपरेशन में तैनात जवान रोपवे की मदद से उफनती नदी को पार कर सकेंगे। पहली बार रोपवे की सुविधा मिलने पर ग्रामीणों ने जवानों का धन्यवाद किया है।
#WATCH | Bijapur, Chhattisgarh: As the construction of a bridge is underway, security forces deployed in the region set up a ropeway on a river ensuring smooth commute for the people residing in the naxal-infested area. pic.twitter.com/xs30D5cBil
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 4, 2024
पुल का निर्माण कार्य कब होगा पूरा?
इसे लेकर आईजी बस्तर सुंदरराज पी ने कहा, “छत्तीसगढ़ का आखिरी गांव बीजापुर का पामेड़ गांव है। यह अब तक अपने जिला मुख्यालय और ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क से वंचित है, इसलिए सरकार ने इस पर पुल बनाने का फैसला किया। हमारे कैंप पर कई बार हमला हुआ। अभी जनवरी में ही हमारे कैंप पर बड़ी संख्या में माओवादियों ने हमला किया। इसके बावजूद सुरक्षा बल लगातार नदी के दोनों किनारों पर कैंप लगाकर निर्माण कार्य को पूरा करने में जुटे हुए हैं, जिसका नतीजा है कि काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। जुलाई के अंत तक काम पूरा होने की संभावना है। एक बड़े पुल को तैयार करने में डेढ़ से दो साल का समय लगता है। इस समस्या को देखते हुए सीआरपीएफ और आईटीबीपी द्वारा पुल के किनारे एक रोपवे तैयार किया गया है।”