हंगल गैंगरेप केस से जुड़े हालिया घटनाक्रम ने न केवल कानून व्यवस्था, बल्कि न्याय प्रक्रिया की गरिमा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जनवरी 2024 में एक महिला के साथ हुए जघन्य गैंगरेप के 7 आरोपियों को 20 मई 2025 को मिली जमानत के बाद जब उन्होंने रोड शो निकालकर जश्न मनाया, तो इससे पीड़िता, समाज और कानून व्यवस्था – तीनों को ठेस पहुंची।
मुख्य बिंदु:
1. आरोपियों का ‘विजय जुलूस’ – न्याय का उपहास
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जमानत मिलने के बाद आरोपियों ने अक्की अलूर गांव में कार-बाइक रैली निकाली।
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सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर ‘विजय’ का इशारा किया और समर्थकों के साथ नारे लगाए।
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यह हरकत पीड़िता और पूरे समाज के लिए अपमानजनक रही और कानून की संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाई।
2. पुलिस की सख्त प्रतिक्रिया
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हावेरी के एसपी अंशु कुमार ने बताया कि इस हरकत के बाद IPC के स्थान पर लागू बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं 189/2, 191/2, 281, 351/2, 351/3 और 190 के तहत केस दर्ज हुआ।
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7 में से 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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पुलिस ने कोर्ट से जमानत रद्द करने की अर्जी दाखिल करने का फैसला किया है।
3. केस की पृष्ठभूमि
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जनवरी 2024 में एक 26 वर्षीय महिला के साथ 7 आरोपियों ने गैंगरेप किया था।
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पहले यह मॉरल पुलिसिंग का मामला माना गया, लेकिन मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का बयान सामने आने के बाद गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गईं।
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कुल 19 आरोपी गिरफ्तार हुए थे, जिनमें 12 को पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
Karnataka | On the Hanagal gang rape case, Anshu kumar, SP Haveri says "In 2024 Hanagal gang rape case, seven accused got bail on 20th May. While coming from the sub-jail to Akkihalur, they created a nuisance and conducted a celebration rally. They recorded a video and posted it… pic.twitter.com/CSX5BvjMOy
— ANI (@ANI) May 24, 2025
प्रश्न उठते हैं:
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क्या गैंगरेप जैसे गंभीर अपराध में इतनी जल्दी जमानत मिलनी चाहिए?
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क्या जमानत का दुरुपयोग कर कानून को सार्वजनिक रूप से चुनौती देना न्यायालय की अवमानना नहीं?
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क्या न्यायपालिका को ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए?
जनता की प्रतिक्रिया और अपेक्षा:
इस पूरे घटनाक्रम से जनता में आक्रोश है। पीड़िता के न्याय की उम्मीद को ठेस पहुंची है, और आरोपी खुलेआम जश्न मना रहे हैं, यह कानून के प्रति अनादर है।
क्या हो सकता है आगे?
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जमानत रद्द होने की संभावना अधिक है, क्योंकि आरोपी शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं।
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संभव है कि कोर्ट सख्त टिप्पणी करे और ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करे।