महाराष्ट्र के भिवंडी के चिंबिपाड़ा गाँव से धर्मांतरण का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहाँ एक अमेरिकी नागरिक जेम्स वॉटसन को ग्रामीणों का इलाज करने के बहाने उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शुक्रवार (3 अक्टूबर 2025) को जब वह एक प्रार्थना सभा के दौरान ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन के लिए ब्रेनवॉश कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में जेम्स के साथ महाराष्ट्र के दो अन्य स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान पालघर निवासी 42 वर्षीय साईनाथ गणपती सर्पे और चिंबिपाड़ा निवासी 35 वर्षीय मनोज गोविंद उजागर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि ये दोनों आरोपी जेम्स वॉटसन के साथ मिलकर ग्रामीणों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जेम्स बिजनेस वीज़ा पर भारत आया था, लेकिन उसने यहां धर्मांतरण का रैकेट खड़ा कर लिया था।
⚡ WATCH: Maharashtra Police arrested an US national named James Watson from Bhiwandi for luring villagers to convert to Christianity by promising them fake cures and prosperity. https://t.co/E7MHBEYUGH pic.twitter.com/MjskxXbcqs
— OSINT Updates (@OsintUpdates) October 5, 2025
भिवंडी पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक भावनाएँ भड़काने के लिए दुर्भावनापूर्ण कृत्य), धारा 302 (जानबूझकर धार्मिक भावनाएँ आहत करना), विदेशी नागरिक अधिनियम (वीज़ा शर्तों का उल्लंघन) और महाराष्ट्र के 2013 के एंटी-ब्लैक मैजिक कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
शराब के ‘प्रसाद’ से बीमारियाँ ठीक करने का झांसा
इस पूरे मामले का पर्दाफाश चिंबिपाड़ा के ही रहने वाले रविनाथ भुरकुट की शिकायत पर हुआ। शिकायत में उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे उन्होंने कुछ लोगों को देखा, जो गाँव के 30 से 35 लोगों के सामने ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे। आरोपित ग्रामीणों से कह रहे थे कि हिंदू धर्म अंधविश्वास पर आधारित है और “ईसा मसीह को अपनाने से जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।”
शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपितों ने ग्रामीणों को समझाया कि ईसा मसीह की प्रार्थना और शराब के ‘प्रसाद’ के सेवन से सारी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। उन्होंने खुलेआम कहा कि “कोई दूसरा भगवान नहीं है” और लोगों से ईसाई धर्म अपनाने की अपील की।
भुरकुट के अनुसार, सभा के दौरान आरोपितों ने यह भी पूछा कि क्या गाँव में कोई बीमार नाबालिग लड़की है। इसके बाद उन्होंने चार नाबालिग लड़कियों के नाम लिखे और उनके माथे पर हाथ रखकर दावा किया कि दैवी शक्ति से उनकी बीमारियाँ ठीक हो गई हैं। यह सब देखकर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुँचकर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों के मुताबिक, आगे की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या यह नेटवर्क राज्य के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है।
इस घटना ने ग्रामीणों में गुस्सा और चिंता दोनों पैदा कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि धार्मिक आस्था के नाम पर अंधविश्वास और झूठे वादों के जरिए धर्मांतरण की कोशिशें किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पुलिस अब विदेशी नागरिक जेम्स वॉटसन के वीज़ा उल्लंघन और उसकी पृष्ठभूमि की भी गहन जांच कर रही है।