जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है। बांदीपुरा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा है जहां सुरक्षा बलों को ये कामयाबी मिली है। इस दौरान दो जवान घायल भी हुए हैं। सुरक्षाबलों को बांदीपुरा में दो आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी जिसके बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया।
आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों का ऑल-आउट एक्शन
1. बांदीपुरा में मुठभेड़
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सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया।
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ऑपरेशन अभी जारी है; दो जवान घायल हुए हैं।
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खुफिया जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में दो आतंकी छिपे थे।
2. पूरे जम्मू-कश्मीर में सघन सर्च ऑपरेशन
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तंगमर्ग, त्राल, कुलगाम, श्रीनगर, पहलगाम समेत कई इलाकों में तलाशी अभियान।
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पहाड़ों, जंगलों और शहरी क्षेत्रों – हर जगह कॉम्बिंग ऑपरेशन चल रहा है।
3. आतंकियों के घरों को उड़ाया गया
🏚️ संदेश साफ है: आतंकी सिर्फ मारे नहीं जाएंगे, उनकी सोच भी खत्म होगी
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आसिफ शेख आदिल (पहलगाम हमले में शामिल) का घर पुलवामा में ध्वस्त किया गया।
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लश्कर आतंकी आदिल का बिजबेहरा स्थित घर भी गिरा दिया गया।
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ये कार्यवाही दर्शाती है कि अब सिर्फ “एनकाउंटर” नहीं, बल्कि टेरर इकोसिस्टम को खत्म करने की रणनीति पर काम हो रहा है।
4. आर्मी चीफ की श्रीनगर यात्रा: सैन्य रणनीति का गहन मंथन
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आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंचे।
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विक्टर फोर्स HQ में आला सैन्य अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा।
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ज़मीनी हालात की रिपोर्ट और आगे की रणनीति तय की जा रही है।
क्या यह सिर्फ जवाबी कार्रवाई है या रणनीतिक बदलाव?
यह साफ़ हो रहा है कि:
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प्री-एंप्टिव स्ट्राइक (Preemptive Action): अब सुरक्षाबलों की नीति सिर्फ “प्रतिक्रिया” देने की नहीं, बल्कि “पहले वार” करने की बन रही है।
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टेरर नेटवर्क की रीढ़ तोड़ना: आतंकियों के ठिकाने, संपर्क सूत्र, और स्थानीय सहयोगियों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
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संदेश उन तक जो ‘मौन समर्थन’ देते हैं: घर गिराना केवल आतंकियों को नहीं, उनके समर्थकों को भी मनोवैज्ञानिक संदेश है।
अंतरराष्ट्रीय नजर में भारत की छवि
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भारत अब एक ऐसा देश बन रहा है जो आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और साहसी फैसले लेने से पीछे नहीं हटता।
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अमेरिका और अन्य देशों का समर्थन इस रणनीति को वैधता और नैतिक समर्थन देता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी के शब्द “आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे” अब केवल बयान नहीं, नीति बन चुके हैं। पहलगाम हमले ने भारत को झकझोरा जरूर है, लेकिन साथ ही ये एक “टर्निंग पॉइंट” भी बन रहा है – जहाँ भारत आतंक के खिलाफ अब किसी भी हद तक जाने को तैयार है।