महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर 2025 को मतदान कराया जाएगा। इस संबंध में जानकारी राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि इन चुनावों में नगर परिषदों के साथ-साथ उनके अध्यक्षों का भी सीधा चुनाव कराया जाएगा।
वाघमारे ने स्पष्ट किया कि इस बार केवल नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव की घोषणा की गई है, जबकि महानगरपालिका और जिला परिषद के चुनावों की घोषणा बाद में की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में कुल 147 नगर पंचायतें हैं, जिनमें से फिलहाल केवल 42 नगर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए इन पर चुनाव होंगे। बाकी 105 नगर पंचायतों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए उन पर फिलहाल चुनाव नहीं कराए जाएँगे।
राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी, जिसके बाद 2 दिसंबर को मतदान और 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इन चुनावों में कुल 1 करोड़ 60 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और इसके लिए 13,155 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएँगे। सभी मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs) के माध्यम से कराए जाएँगे ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और त्रुटिहीन बनी रहे।
दिनेश वाघमारे ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय की गई है — अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अधिकतम 15 लाख रुपये, जबकि सदस्य पद के प्रत्याशी 12 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने इस बार तकनीकी दृष्टि से चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
आयोग एक स्पेशल मोबाइल एप भी लॉन्च करेगा, जिसमें मतदाताओं और उम्मीदवारों की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इस एप का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और मतदाताओं के लिए जानकारी तक आसान पहुँच सुनिश्चित करना है। साथ ही, डुप्लीकेट वोटिंग रोकने के लिए एक नया डिजिटल टूल भी विकसित किया गया है। जब कोई मतदाता वोट देने जाएगा, तो सिस्टम में ‘डबल स्टार’ संकेत दिखाई देगा, जिससे मतदान अधिकारी तुरंत सतर्क हो जाएँगे और उस मतदाता की पहचान की दोबारा पुष्टि करेंगे। ऐसे मामलों में मतदाता से एक डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र) लिया जाएगा कि उसने किसी अन्य स्थान पर मतदान नहीं किया है।
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में निष्पक्षता, पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला प्रशासनिक अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह चुनाव महाराष्ट्र के शहरी निकाय प्रशासन में नई ऊर्जा भरने के साथ-साथ स्थानीय लोकतंत्र को और मजबूत करने का माध्यम साबित होंगे।
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