महाकुंभ 2025 में संगम के पानी की स्वच्छता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रसिद्ध गायक विशाल ददलानी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती दी है कि वह संगम का पानी पीकर दिखाएं।
मामला कैसे शुरू हुआ?
- 17 फरवरी को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि महाकुंभ स्थलों के आसपास के पानी में फेकल बैक्टीरिया और टोटल कोलीफॉर्म का उच्च स्तर पाया गया है।
- इस रिपोर्ट के आने के बाद यह सवाल उठने लगे कि क्या संगम का पानी स्नान करने योग्य भी है या नहीं।
योगी आदित्यनाथ का बयान
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने NGT की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि संगम का पानी पूरी तरह साफ और पीने योग्य है।
- उन्होंने दावा किया कि सरकार ने गंगा और यमुना की सफाई के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं और संगम का जल पूरी तरह स्वच्छ है।
विशाल ददलानी की प्रतिक्रिया
- गायक विशाल ददलानी ने मुख्यमंत्री के बयान पर तंज कसते हुए उन्हें खुलेआम चुनौती दी कि वह संगम का पानी पीकर दिखाएं।
- उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा –
“यदि आप पेचिश, हैजा और अमीबायसिस के लाखों मामलों को नहीं देख सकते हैं, तो आप विशेष हैं। कृपया आगे बढ़ें और खुद को तथा अपने परिवार को सीवेज में डुबो दें। आपको और अधिक शक्ति मिले।”
- उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं।
क्या कहती है सरकार?
- यूपी सरकार का कहना है कि महाकुंभ के लिए विशेष सफाई अभियान चलाया गया है और गंगा-यमुना में गिरने वाले नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है।
- प्रशासन ने दावा किया है कि संगम का पानी पूरी तरह सुरक्षित है और NGT की रिपोर्ट को लेकर गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं।
इस पूरे विवाद ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष और पर्यावरण कार्यकर्ता सरकार से संगम की जल गुणवत्ता पर स्पष्टता की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि गंगा और यमुना की सफाई में पिछले कुछ वर्षों में ऐतिहासिक काम हुआ है। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।