विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा: प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात, द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। इस बैठक में भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय सहयोग, आर्थिक साझेदारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- भारत-ब्रिटेन के आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ।
- द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और लोगों की आवाजाही बढ़ाने पर चर्चा हुई।
- यूक्रेन संघर्ष पर ब्रिटेन के दृष्टिकोण को लेकर बातचीत हुई।
ब्रिटेन के मंत्रियों से भी हुई चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रिटेन के व्यापार और वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और गृह मंत्री यवेट कूपर के साथ भी भेंट की।
- व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।
- गृह मंत्री यवेट कूपर के साथ भारतीयों की वीजा प्रक्रिया, आप्रवासन, और सुरक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दों पर बात हुई।
Delighted to call on Prime Minister @Keir_Starmer at @10DowningStreet today.
Conveyed the warm greetings of PM @narendramodi.
Discussed taking forward our bilateral, economic cooperation and enhancing people to people exchanges.
PM Starmer also shared UK’s perspective on… pic.twitter.com/KnVuirFMLA
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 4, 2025
छह दिवसीय यात्रा पर हैं जयशंकर
जयशंकर की यह यात्रा भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से हो रही है।
- प्रमुख एजेंडा: रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपसी संबंधों को बढ़ावा देना।
- विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा से भारत-ब्रिटेन मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
भारत-ब्रिटेन संबंधों का महत्व
- व्यापार: भारत और ब्रिटेन के बीच 30 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार होता है, और दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर काम कर रहे हैं।
- रक्षा सहयोग: भारत और ब्रिटेन के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान और रक्षा तकनीक में सहयोग बढ़ रहा है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन में उच्च शिक्षा के नए अवसरों पर भी चर्चा हुई।
ब्रिटेन यात्रा के संभावित परिणाम
- FTA वार्ता में तेजी आने की संभावना।
- रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत और ब्रिटेन के रुख में तालमेल बढ़ सकता है।
- भारतीयों के लिए वीजा प्रक्रिया में सुधार हो सकता है।
- रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को नई दिशा मिल सकती है।