राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर कल रात फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। बाढ़ प्रभावित लोग अभी अपना बचा हुचा सामान ठीक से सुखा भी नहीं पाए हैं कि उनके सिर पर फिर बाढ़ का खतरा मंड़राने लगा है। यमुना के रौद्र रूप से तटीय क्षेत्र में रहने वाले हजारों परिवारों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं।
अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार शाम करीब छह बजे तीसरी बार यमुना का जलस्तर 205.38 मीटर के पार पहुंच गया। करीब एक हफ्ते से जलमग्न राजघाट परिसर से शुक्रवार को भी पानी निकाला गया। पानी बढ़ने पर यमुना के करीब स्थित इस गहरी जगह पर फिर जलभराव होने का खतरा है।
इससे पहले 10 जुलाई को यमुना नदी ने खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर लिया था। 13 जुलाई को यमुना ने दिल्ली में 1978 में आई बाढ़ के दौरान के अपने जलस्तर 207.49 मीटर के रिकॉर्ड नीचे छोड़ दिया था।ओल्ड रेलवे ब्रिज (लोहा पुल) पर तब इसका अधिकतम जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया। छह दिन बाद 19 जुलाई की सुबह पांच बजे यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के नीचे 205.22 मीटर पर आया। लेकिन छह बजे से इसका जलस्तर फिर बढ़ने लगा।
सुबह सात बजे यमुना खतरे के निशान को पार कर गई। शाम को पांच बजे तक इसका जलस्तर 205.79 मीटर पहुंच गया। इसके बाद शुक्रवार को शाम छह बजे तीसरी बार यमुना का पानी नीचे आने के बाद फिर से खतरे के निशान को पार कर गया है। प्रशासन की तरफ से बताया जा रहा है कि पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ा।