गुरु जी ने राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए हिंदू संगठन को मजबूत करने पर बल दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक पूजनीय माधव सदाशिव गोलवलकर गुरुजी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए स्वयं सेवकों को प्रेरित किया। गुरुजी मूल रूप से सन्यासी थे। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी अखंडानंद से गुरु दीक्षा ली। उनके आश्रम में उन्होंने लंबे समय तक साधना भी की और उनका संन्यास जीवन ही अवैध दृष्टि से भारत को सफल बनाने का काम किया।
भारतीय गुरुकुलम द्वारा आयोजित गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर स्मृति विज्ञान सम्मान समारोह का आयोजन आईएएसटी शिवपुरी के इंस्टिट्यूट हॉल में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अतिथियों और वक्ताओं ने गुरुजी गोलवलकर के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
समारोह के प्रमुख बिंदु:
- मुख्य अतिथि:
- डा. शिवकुमार शर्मा, अखिल भारतीय संगठन मंत्री, विज्ञान भारती।
- उन्होंने गुरुजी के जीवन और उनकी विचारधारा को विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया।
- मुख्य वक्ता:
- डॉ. सोमदेव भारद्वाज, उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री, विज्ञान भारती।
- उन्होंने गुरुजी के योगदान को युवाओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास से जोड़ा।
- विशिष्ट अतिथि:
- लक्ष्मी नारायण भाला, जो समारोह में विशेष आमंत्रित थे।
- उन्होंने गुरुजी के जीवन को भारतीय संस्कृति और विज्ञान से जोड़कर प्रस्तुत किया।
- अध्यक्षता:
- समारोह की अध्यक्षता पूर्व क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंत राय चौधरी ने की।
- उन्होंने गुरुजी के जीवन के प्रेरक पहलुओं को उजागर किया।
- उद्घाटन:
- आईआईईएसटी के निदेशक प्रो वीएम एसआर मूर्ति ने समारोह का उद्घाटन किया।
- दीप प्रज्वलन और डॉ. हेडगेवार व गुरुजी की छवि पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर स्मृति विज्ञान सम्मान समारोह का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समरसता के साथ विज्ञान और समाज के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना था।
सम्मानित व्यक्तित्व और योगदान:
- प्रो. वीरेंद्र कुमार तिवारी (निदेशक, आईआईटी खड़गपुर):
- सम्मान:
- ₹1,00,000 की सम्मान राशि।
- शाल, श्रीफल, और स्मृति फलक।
- योगदान:
- वैज्ञानिक उपलब्धियाँ।
- प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य।
- यह सम्मान संघ के शताब्दी वर्ष प्रवेश के उपलक्ष्य में दिया गया।
- सम्मान:
- प्रो. रास बिहारी भड़ (पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, आईवीआरआई, कल्याणी):
- सम्मान:
- ₹50,000 की सम्मान राशि।
- शाल, श्रीफल, और स्मृति फलक।
- योगदान:
- कृषि, पशुपालन, और ग्राम विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य।
- सम्मान:
- डॉ. अचिंत्य मित्र (सहायक निदेशक, आरएआरआई, गंगटोक):
- सम्मान:
- ₹50,000 की सम्मान राशि।
- शाल, श्रीफल, और स्मृति फलक।
- योगदान:
- कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेद आधारित चिकित्सा सेवा।
- सम्मान:
- प्रो. अरविंद चौबे (निदेशक, एनआईटी दुर्गापुर):
- सम्मान:
- ₹50,000 की सम्मान राशि।
- शाल, श्रीफल, और स्मृति फलक।
- योगदान:
- कृषि उपयोगी तकनीक विकसित करने वाले ऐप के निर्माण में योगदान।
- सम्मान: