गुवाहाटी में संघ का बौद्धिक कार्यक्रम: सरसंघचालक मोहन भागवत ने दिए सामाजिक समरसता और स्वदेशी के मंत्र
गुवाहाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), गुवाहाटी महानगर द्वारा एक बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 1,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने समाज में आवश्यक पाँच प्रमुख परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा की—
1️⃣ सामाजिक समरसता: जाति, मत, क्षेत्र और भाषा के भेद मिटाकर एकजुट समाज बनाने पर जोर।
2️⃣ परिवारिक मूल्यबोध: भारतीय पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखना, जिससे समाज को सही दिशा मिले।
3️⃣ पर्यावरण संरक्षण: जल संरक्षण, प्लास्टिक का कम उपयोग और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना।
4️⃣ स्वदेशी अपनाना: भाषा, वस्त्र, भोजन, आवास और यात्रा में स्वदेशी को प्राथमिकता देना।
5️⃣ नागरिक कर्तव्य: हर व्यक्ति को समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना।
संघ प्रमुख का संदेश:
🔹 समाज में मित्रता और एकता जरूरी, जिससे भारत समरस और सशक्त राष्ट्र बने।
🔹 परिवार संस्कारों की पहली पाठशाला, इसलिए भारतीय मूल्यों का संरक्षण जरूरी।
🔹 पर्यावरण बचाने के लिए जनभागीदारी जरूरी, छोटे-छोटे प्रयास बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
🔹 स्वदेशी को अपनाने से देश की आर्थिक और सांस्कृतिक मजबूती होगी।
विशेष उपस्थिति:
✅ उत्तर असम प्रांत संघचालक डॉ. भूपेश शर्मा
✅ गुवाहाटी महानगर संघचालक गुरु प्रसाद मेधी
✅ अन्य गणमान्य और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी
संघ का यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर भारत में संगठन को मजबूत करने और राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रसार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।