अहमदाबाद प्लेन क्रैश:
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कुल 265 लोगों की जान चली गई। यह हादसा इतना भीषण था कि देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। विमान में सवार लोगों की पारिवारिक कहानियां अब सामने आ रही हैं, जो दिल को झकझोर देने वाली हैं।
इनमें से 5 परिवारों की कहानियां कुछ इस तरह हैं:
- डॉ. कोनी व्यास और उनका परिवार –
राजस्थान के बांसवाड़ा की पैथोलॉजिस्ट डॉ. कोनी अपने पति डॉ. प्रतीक जोशी और तीन बच्चों – आठ वर्षीय बेटी मिराया और पांच साल के जुड़वां बेटे प्रद्युत-नकुल के साथ लंदन में नया जीवन शुरू करने जा रही थीं। टेकऑफ से पहले की गई उनकी आखिरी सेल्फी, जो अब वायरल हो रही है, कुछ ही मिनटों बाद उनकी जिंदगी की अंतिम तस्वीर बन गई। - रूपल बेन पटेल –
खेड़ा जिले की रूपल पटेल अपने इलाज के बाद लंदन लौट रही थीं, जहां उनके तीन छोटे बच्चे और पति उनका इंतजार कर रहे थे। सीट संख्या 19J पर बैठीं रूपल को उनके भाई-भाभी एयरपोर्ट छोड़कर लौटे ही थे कि उन्हें हादसे की सूचना मिली। अब तीन मासूम बच्चों को अपनी मां के लौटने का इंतजार अधूरा ही रह गया। - अंजू शर्मा –
वडोदरा की रहने वाली अंजू शर्मा अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रही थीं। उनके निधन की खबर उनके बीमार माता-पिता को अब तक नहीं दी गई है, क्योंकि उनके पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं और ब्रेन हेमरेज से जूझ रहे हैं। परिवार इस डर में है कि यह खबर उन्हें भी हमेशा के लिए तोड़ सकती है। - दीपांशी भदौरिया –
गांधीनगर की दीपांशी लंदन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं और अपने पिता को जन्मदिन पर सरप्राइज देने भारत आई थीं। वे गुरुवार को वापस लौट रही थीं, लेकिन हादसे में उनकी भी मौत हो गई। उनके पिता CBI में DSP हैं। एक खुशहाल मुलाकात, उनकी अंतिम विदाई बन गई। - रंजीता गोपाकुमार –
केरल की नर्स रंजीता दो बच्चों की मां थीं। वे भारत लौटकर बसने की योजना बना रही थीं। चार दिन पहले ही अपने पैतृक गांव पुल्लाड आई थीं और कुछ औपचारिकताओं के लिए फिर से ब्रिटेन जा रही थीं, जब यह हादसा हुआ। सपनों से भरी इस मां की कहानी, अधूरी रह गई।
ये कहानियां केवल आंकड़े नहीं, बल्कि टूटे हुए सपनों, बिखरे परिवारों, और अधूरी इच्छाओं की गवाही हैं। हादसे ने एक बार फिर याद दिला दिया कि जिंदगी कितनी नाजुक और अनिश्चित है।